खुजली को करें जड़ से सफाया यह है उपचार
खुजली, एक परेशान करने वाला लक्षण है जो त्वचा के कई विकारों से जुड़ा होता है। मेडिकल भाषा में खुजली को “प्रुरिटस” कहा जाता है। खुजली शरीर के किसी एक अंग में भी हो सकती है और ये पूरे शरीर को भी प्रभावित कर सकती है।
खुजली के साथ लाली, सूजन और शरीर से गर्मी निकलने जैसे लक्षण संबंधित हैं। इसके कुछ मुख्य लक्षण त्वचा का सूखापन, एक्जिमा, एलर्जी, नशीले पदार्थ युक्त दवाएं, स्किन इन्फेक्शन, पित्ती और कीड़े का काटना आदि हैं।
होम्योपैथी के अनुसार, खुजली शरीर की किसी अंदरूनी समस्या का बाहरी लक्षण होता है। होम्योपैथिक दवाएं खुजली के अंदरूनी कारण को ठीक करती हैं, जिससे खुजली अपने आप ठीक हो जाती है। ये दवाएं व्यक्ति के लक्षण के आधार पर उसे दी जाती हैं, इसीलिए उसकी समस्या को ठीक करने का ये सबसे असरदार तरीका है।
होम्योपथी में खुजली का इलाज करने के लिए अगरिकस (Agaricus), एपिस मेलिफिका (Apis mellifica), आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum Album), बोविस्टा (Bovista), कार्बो वेज (Carbo veg), कॉस्टिकम (Causticum), चेलिडोनियम (Chelidonium), ग्रेफाइट (Graphite), लायकोपोडियम (Lycopodium), मेज़ेरियम (Mezereum), नैट्रम म्यूरिएटिकम (Natrum muriaticum), सोरिनम (Psorinum), पल्साटिला (Pulsatilla),रस टॉक्सिकोडेंड्रोन (Rhus toxicodendron), सेपिया (Sepia), सिलिशिया (Silicea), स्टैफिसैग्रिया (Staphisagria), सल्फर (Sulphur) और अर्टिका यूरेन्स (Urtica urens) जैसी दवाएं उपयोग की जाती हैं ।
नीम से खुजली का इलाज
नीम के पत्तों को पीसकर प्रभावित जगह पर लगाएँ। इससे निजात पाने का ये तरीका पुराना है।
तुलसी से खुजली का इलाज
5-6 तुलसी के पत्तों को पीसकर नारियल तेल में मिलाकर शुष्क त्वचा की मालिश करें। ये घरेलू इलाज (khujli ka gharelu ilaj) बहुत ही पुराना है।
केले का करें सेवन
यह पोटेशियम से भरपूर होता है। इसके साथ-साथ केला में हिस्टामाइन की मात्रा को कम करने वाले पोषक तत्व, मैग्नेशियम और विटामिन सी भी होता है।
सब्जी एवं फल
हरी सब्जियों और फलों का सेवन करें।
अगर खुजली से छुटकारा पाना चाहते हैं तो जंक-फूड एवं बासी भोजन का सेवन बिल्कुल न करें। इससे शरीर में दोष होता है। इससे वात, पित्त व कफ का संतुलन बिगड़ जाता है।
अलसी, कद्दू, तिल या सूरजमुखी के बीज से फायदा
अलसी, कद्दू, तिल या सूरजमुखी के बीजों में मौजूद आवश्यक फैटी एसिड होते हैं। ये फैटी एसिड त्वचा की खुजली को कम करने में मदद करते है।
खुजली होने पर डॉक्टर से कब सम्पर्क करें
सामान्य तौर पर धूल-मिट्टी, प्रदूषण या ऊनी कपड़े पहनने से जो खुजली होती है तो वह कुछ देर बाद या एक-दो दिन में घरेलू उपचार करने पर अपने आप ही ठीक हो जाती है। अगर खुजली दो-तीन दिन से ज्यादा बनी रहती है, खुजाने पर त्वचा लाल हो जाती है या फिर खुजली के साथ-साथ त्वचा पर दानें निकल आते हैं तो तुरन्त ही इलाज के लिए चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।