Home Blog

Permanently cure Antistreptolysin O |aso titer in ayurveda

antistreptolysin O ayurvedic treatment|

Antistreptolysin O(aso titer) Symtoms | Diet | Upchar | Medicine

ADVERTISEMENT
Antistreptolysin O ayurvedic medicine

आज के इस पोस्ट में आप सभी को बताने वाला हु Antistreptolysin O के बारे में इस लेख में आप सभी को Antistreptolysin O से जुड़ी एक एक करके सारी जानकारी दूंगा

Key Features of Antistreptolysin O (aso titer )

एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ (ASO) के मुख्य बिंदु (Key Points)

इस बीमारी के शुरुवाती लक्षण क्या है?

Antistreptolysin O (ASO) क्या है ?

Antistreptolysin O (ASO) का जाँच क्या है ?

Antistreptolysin O (ASO) क्यों होता है ?

Antistreptolysin O (ASO) बीमारी कैसे होती है ?

Antistreptolysin O (ASO) Symtoms क्या है ?

Antistreptolysin O (ASO) high क्यों होता है ?

high Antistreptolysin O (ASO) का इलाज क्या है ?

Antistreptolysin O (ASO) मेडिकल check up क्या है ?

high Antistreptolysin O (ASO) diet क्या है ?

high Antistreptolysin O (ASO) आयुर्वेदिक उपचार ?

high Antistreptolysin O (ASO) आयुर्वेदिक मेडिसिन ?

high Antistreptolysin O (ASO) होम्योपैथिक इलाज ?

Antistreptolysin O (ASO) एलोपैथिक मेडिसिन साइड इफ़ेक्ट ?

high Antistreptolysin O (ASO) में कौन सी मेडिसिन बेस्ट है ?

high Antistreptolysin O (ASO) मेडिसिन से होने वाली खराबी ?

high Antistreptolysin O (ASO) के लिए आयुर्वेद ही क्यों ?

high Antistreptolysin O (ASO) आयुर्वेद मेडिसिन के फायदे ?

high Antistreptolysin O (ASO) के लिए सबसे बेहतरीन मेडिसिन ?

Antistreptolysin O (ASO) में आयुर्वेदिक मेडिसिन के फायदे ?

इसके अलावा सब कुछ जानेंगे आज के इस आर्टिकल में इस लिए आप सभी इस आर्टिकल को आखिर तक अच्चा से समझ कर पढ़े ताकि Antistreptolysin O के बारे में आप सभी को पूरी जानकारी मिले और उसका इलाज कैसे करना है यह भी पता चले एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ (ASO) का जाँच क्या है कैसे पता करें की आप को यह वाली बीमारी हुई है

एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ (ASO) के बारे में आप के हर सवाल का जवाब और साथ ही इसका उपचार करने का सही तरीका भी बताएँगे इस आर्टिकल में आप सभी को ऐसा इलाज बताऊंगा जो आप सभी के लिए बेहतर हो कोई साइड इफ़ेक्ट न हो कोई नुकसान भी न हो और आप की बीमारी को जड़ से हमेशा के लिए ठीक कर दें और दुबारा लौट कर यह बीमारी आप के शारीर में भी न आये|

वैसे तो आप सभी को पता ही होगा की एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ (ASO) का एलोपैथिक में अब तक कोई इलाज नहीं है भले ही कोई एलोपैथिक डॉक्टर दावा कर रहा हो की ठीक हो जायेगा लेकिन मेरी बात माने और इस आर्टिकल को कॉपी कर के रख लें साबुत के लिए की एलोपैथिक में इस बीमारी का कोई भी इलाज नहीं है अगर चे आप 10 साल भी इसका एलोपैथिक दवा खा लो लेकिन ठीक नहीं होगा यह मेरा गारंटी है|

एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ (ASO) को लेकर कुछ होम्योपैथिक डॉक्टर भी कहते है की इस बीमारी का इलाज हो जायेगा लेकिन कुछ हद तक होम्योपैथिक दवाइयों से आप का एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ (ASO) का लेवल कम हो सकता है लेकिन जड़ से ठीक नहीं हो सकता है आप चाहे तो होम्योपैथिक दवाइयों ले कर देख सकते है|

एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ (ASO titer ) को यदि जड़ से ठीक करना है आप चाहते है की आपका यह बीमारी हमेशा के लिए ठीक हो जाए तो आप सभी के लिए एक ही उपाय है आप सभी को प्राचीन काल की आयुर्वेदिक औषधि का इस्तेमाल करना चाहिए इसी से आप का एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ (ASO titer) ठीक होगा|

 आज मैं आप सभी को एक प्रमाण भी देने वाला हु आइये सबसे पहले आप को बता दें की सच में एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ (ASO titer) आयुर्वेद ठीक कर सकता है क्या इतनी शक्ति है आयुर्वेदिक दवाइयों में जो एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ (ASO titer) की बीमारी को जड़ से ठीक कर सकें जब हम ने इस बीमारी को लेकर अधिय्न करना शुरू किया|

तो हमे एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ (ASO titer) की बीमारी से जुड़ी कई सारे यूतुब पर विडियो मिले और हम ने सभी विडियो को देखा और हम ने सभी से जानकारी ली की क्या आप इस बीमारी को पूरी गारंटी के साथ  जड़ से ठीक कर सकते है सभी ने कहा दवा खाइए ठीक हो जायेगा|

हम ने लग भाग 20 से अधिक चैनल वालों से बात की पर किसी ने गारंटी नहीं ली फिर हमारी नज़र एक चैनल पर पड़ी जिसका नाम रहमानी आयुर्वेदा (RAHMANI AYURVEDA) जिसका सब्सक्राइबर भी बहुत ही कम थे मुझे लगा की जब इतने बड़े बड़े चैनल वाले के पास कोई इलाज नहीं है तो क्या इस छोटे चैनल वाले के पासक्या इलाज होगा|

फिर हम ने सोचा की एक बार कॉल करने में क्या जाता है कॉल तो कर ही सकते है फिर हम ने कॉल किया और हमारी बात हकीम उबैदुर रहमान से हुई पूछा की आप एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ (ASO titer) यानि aso titer की बीमारी का जड़ से इलाज कर सकते है तभी उधर से हाकिम जी का जवाब अता है जी हाँ बिलकुल जड़ से ठीक कर सकते है|

मैं ने पूछा क्या गारंटी है तो मेरी यह बात सुन के हाकिम जी बोले आप को कैसी गारंटी चाहिए हमारी बात लग भाग 40 मिनिट तक बात हुई आखिर में हाकिम जी ने कहा की आप दवा लेकर जाइए ठीक हो जायेगा तो ईमानदारी से पैसे दे दीजयेगा साथ में उन्हुने कहा इससे बड़ी और क्या गारंटी चाहिए |

फिर हम हाकिम जी के पास गए जिनका क्लिनिक बिहार के पूर्णिया जिला में एक बैसी करके जगह है वहीँ पर है हम दवा लिए और वहां से चले आए आप सभी की जानकारी के लिए बता दूँ की मैं एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ (ASO titer) का कभी भी पेशेंट नहीं रहा न हु मुझे इस बीमारी के इलाज के बारे में जानना था|

क्यों की यह बीमारी मेरे एक दोस्त को था और वह लग भाग इस बीमारी के लिए 4 से 5 लाख रूपए ख़त्म कर चुके थे पर इसका कोई फायेदा नहीं हुआ तो उन्हुने मुझसे कहा  की इस बीमारी से घुट घुट के मारने से अच्आचा एक ही बार मार क्पयों नहीं जाता यह बातें सुन के मुझे काफी दिल से तकलीफ हुई वैसे भी मुझे आयुर्वेदिक मेडिसिन में पहले से दिलचस्पी और लगाओ था|

इस लिए मैं अपने दोस्त के लिए दवा ढूँढना शुरू कर दिया और मैं ने यह दवा लाकर अपने उस दोस्त दिया जैसा हाकिम जी ने 4 महीने का समय दिया था और जो परहेज और डाइट बताये थे उसी हिसाब से सारी चीजों का इस्तेमाल किया गया और 4 महीने के बाद हाकिम जी अपने पास जाने बोले थे|

फिर हम अपने दोस्त को लार वह चले गए और फिर उसका जाँच हुआ तो हम को यकीन नहीं हो रहा था की 1030 जिसका aso हो वह बिलकुल से 4 महीने में नील कैसे हो सकता है फिर हम ने हाकिम जी से कहा की क्या में अपने वह भी किसी भी लैब में जाँच करा सकता हु तो हाकिम जी गुस्सा हो गए बोले आप जाइए आप से कोई पैसा नहीं लेना है|

फिर हम लोग बहुत कोशिश किये की हाकिम जी पैसा ले लें फिर भी नहीं लिए और हम लोग वहां से वापिस घर आ गए फिर हम ने यहाँ जब चेक किया तो रिपोट बिलकुल नील हो चूका था यानि जड़ से ठीक हो चूका था फिर हम ने हाकिम जी से माफ़ी मांग कर 2000 रूपए ख़ुशी से एक्स्ट्रा दिया तब भी नहीं ले रहे थे तभी हम ने फ़ोन पे के मधियम से उनको भेजा आज वह हाकिम जी हमारे लिए भगवान से कम नहीं है |

और आज ट्रीटमेंट का लग भाग 3 साल हो गया है पेशेंट को कोई भी दिक्कत या परेशानी नहीं है आइये आप सभी को हाकिम जी के चैनल के बारे में बता देता हु अगर आप भी एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ (ASO titer) की बीमारी से परेशान है या रहते है तो आप आँख बंद करके हाकिम जी को दिखा सकते है|

या आप YouTube Channel  से भी संपर्क कर सकते हो या डायरेक्ट कॉल पर भी बात कर सकते है चलये अब हम आप सभी को यहाँ से बताएँगे की Antistreptolysin O (ASO) क्या है ?

ADVERTISEMENT
low power sex treatment

एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ (ASO) एक एंटीबॉडी है जो शरीर के इम्यून सिस्टम द्वारा स्ट्रेप्टोलाइसिन ओ नामक टॉक्सिन के खिलाफ बनाई जाती है। यह टॉक्सिन ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोक्कस बैक्टीरिया द्वारा उत्पादित होता है। जा बहुत ही गंभीर है

Q ) इस बीमारी के शुरुवाती लक्षण क्या है?

Ans ) गले में दर्द, या सुजन, या गर्दन में दर्द, या सीने में दर्द, या पीठ में जक्रण, संकेत:

Q ) Antistreptolysin O (ASO) Symtoms क्या है ?

  • गले में खराश (Strep Throat)
  • स्कार्लेट फीवर (Scarlet Fever)
  • रूमेटिक फीवर (Rheumatic Fever)
  • ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (Post-streptococcal Glomerulonephritis)
  • सीने में दर्द होना या back पैन होना या knee में कट कट की आवाजें आना
  • गर्दन का दावा हुआ लगना कान में काफी पैन होना कान का भरी पन होना
  • अध सर में दर्द रहना पैर के तलवा को एक जगह पर लम्बे समय से न रख पना
  • एक ही जगह पर खड़े रहने पर पैर के तलवा में काफी दर्द होना
  • आप के पीठ में जक्रण रहना पीठ फोड़ने पर थोड़ा आराम महसूस करना और बहुत है
  • लक्षण जब एएसओ बढ़े हुए हों:
    • बुखार, जोड़ो में दर्द, त्वचा पर दाने,
    • सूजन, या अन्य सूजन संबंधी समस्याएं

Q ) Antistreptolysin O (ASO) का जाँच क्या है ?

  • एएसओ टाइटर टेस्ट का उपयोग संक्रमण या उससे संबंधित जटिलताओं को मापने के लिए किया जाता है।
  • यह रक्त में एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ एंटीबॉडी के स्तर को मापता है। इसका जाँच का नाम है
  • Antistreptolysin O (ASO) titer test

Q ) Antistreptolysin O (ASO) क्यों होता है ?

Ans ) एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ (ASO) शरीर में स्ट्रेप्टोकोक्कस नामक बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण बनता है। जब ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोक्कस (Streptococcus pyogenes) शरीर में संक्रमण करता है, तो यह स्ट्रेप्टोलाइसिन ओ नामक एक टॉक्सिन (जहर) का उत्पादन करता है। यह टॉक्सिन शरीर की कोशिकाओं (जैसे रेड ब्लड सेल्स और ऊतक कोशिकाओं) को नुकसान पहुंचाता है। इस टॉक्सिन के खिलाफ, शरीर की इम्यून प्रणाली एंटीस्ट्रेप्टोलाइसिन ओ एंटीबॉडी (ASO) बनाती है, जो इस टॉक्सिन को बेअसर करने का प्रयास करती है। यह एंटीबॉडी शरीर की रक्षा प्रणाली का हिस्सा है, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। इस के साथ aso level बढ़ने पर भी होता है क्यों की aso एक वायरस है जो गले में होता है

Q ) Antistreptolysin O (ASO) बीमारी कैसे होती है ?

ADVERTISEMENT
sex medicine

Ans ) गले में Antistreptolysin O (ASO) संकर्मण के कारण ही होता है

Q ) Antistreptolysin O (ASO) high क्यों होता है ?

Ans ) Antistreptolysin O (ASO) संकर्मण के बढ़ने के कारण ही होता है

Q ) high Antistreptolysin O (ASO) का इलाज क्या है ?

Ans ) इस बीमारी का एक ही इलाज है और वह है आयुर्वेदिक दवाइयों जो पूरी तरह से जड़ से ठीक कर सकता है

Q ) Antistreptolysin O (ASO) मेडिकल check up क्या है ?

  Ans ) Antistreptolysin O (ASO) titer test

Q ) high Antistreptolysin O (ASO) diet क्या है ?

Ans ) किसी भी बीमारी को जड़ से थी करने के लिए diet बहुत ही माने रखते है और aso titer भी diet के बिना ठीक नहीं हो सकता है इस के लिए मिट, मछली, मट्टन, चिकन,अल्कोहल, दूध, और धुम्रपान, केला, और बेहतर और पूरी diet के लिए हाकिम उबैदुर रहमान जी से संपर्क कर सकते है

Q ) high Antistreptolysin O (ASO) आयुर्वेदिक उपचार ?

Ans ) इसका उपचार हम ने पहले ही बता दिया है अगर आप नहीं पढ़े है तो फिर से पढ़ सकते है

Q ) high Antistreptolysin O (ASO) आयुर्वेदिक मेडिसिन ?

Ans ) इसका उपचार हम ने पहले ही बता दिया है अगर आप नहीं पढ़े है तो फिर से पढ़ सकते है

Q ) high Antistreptolysin O (ASO) होम्योपैथिक इलाज ? 

ADVERTISEMENT
Antistreptolysin O medicine

Ans ) अगर हम बात करें होम्योपैथिक इलाज की तो अब तक कोई भी होम्योपैथिक मेडिसिन नहीं है जो आप की aso titer की बीमारी को जड़ से ठीक कर सके लेकिन अगर आप लम्बे समय तक होम्योपैथिक दवाइयों का इस्तेमाल करते है तो कुछ आराम मिल सकता है

Q ) Antistreptolysin O (ASO) एलोपैथिक मेडिसिन साइड इफ़ेक्ट ?

Ans ) एलोपैथिक मेडिसिन साइड इफ़ेक्ट की बात करें तो इसका कोई भी साइड इफ़ेक्ट तो नहीं है लेकिन फिर से आप सभी को एक बार बता दूँ की इस बीमारी का कोई इलाज एलोपैथिक में नहीं है इस लिए हम तो अनुशंसा नहीं करेंगे

Q ) high Antistreptolysin O (ASO) में कौन सी मेडिसिन बेस्ट है ?

Ans ) अगर आप Antistreptolysin O (ASO) को जड़ से हमेशा के लिए ठीक करना चाहते है तो आप के लिए रहमानी आयुर्वेदा का ASO TITER NAVA 120 D CURE  दवा सबसे बेस्ट है 100% रिजल्ट के साथ, इससे कोई भी बेस्ट नहीं है क्यों की इस दवा में कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं है चाहे वह किसी भी बीमारी की दवा हो बिना किसी नुकसान के आयुर्वेदिक दवाइयां आप की बीमारी को जड़ से ठीक करने में सक्षम है

Q ) high Antistreptolysin O (ASO) मेडिसिन से होने वाली खराबी ?

Ans ) जब हम बात करते है खराबी की तो यहाँ हम बात तीनों दवा की करेंगे यानि की आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, और एलोपैथिक,सबसे पहले हम बात करेंगे एलोपैथिक मेडिसिन की तो aso titer की बीमारी के रोक थम के लिए एक दवा आति है जिसका नाम है पेनिसिलिन injection और penidure injection है दोनों ही 12 लाख और कम से कम 6 लाख पॉवर में अता है जो आप की किडनी के लिए  ज़हर से कम नहीं है जिसे के इस्तेमाल से आप की किडनी कतम हो सकती है वही होम्योपैथिक मेडिसिन की बात करें तो इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है लेकिन कोई curable मेडिसिन अभी तक नहीं आई है वही आयुर्वेदिक मेडिसिन की बात करें तो इसका कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं है बिना किसी भी नुकसान के आयुर्वेदिक दवाइयां आप की बीमारी को जड़ से ठीक करता है और Antistreptolysin O (ASO) इस बीमारी के लिए भी ASO TITER NAVA 120 D CURE  aso titer की आयुर्वेदिक दवा आप सभी को flipkart और amezon जैसे Website में भी मिल जायेगा इस के अलाव आप सभी को www.rahmaniayurveda.com और रहमानी आयुर्वेदा  प्पलीकेशन पर भी मिल जायेगा

Q ) high Antistreptolysin O (ASO) के लिए आयुर्वेद ही क्यों ?

Ans ) high Antistreptolysin O (ASO) titer के लिए ही नहीं बल्कि सभी तरह की बिमारियों के लिए आयुर्वेदिक मेडिसिन से सेफ कोई भी दवा नहीं है आयुर्वेदिक मेडिसिन को सबसे सेफ मेडिसिन माना गया है इसमें कसी तरह के केमिकल  का इस्तेमाल नहीं हिता है

Q ) high Antistreptolysin O (ASO) आयुर्वेद मेडिसिन के फायदे ?

ADVERTISEMENT
hiv symptoms

Ans ) aso titer की बीमारी केलिए आयुर्वेदिक मेडिसिन के फायदे यह है की यह मेडिसिन आप की शारीर में किसी तरह बीमारी नहीं होने देता है और बिना किसी भी नुकसान के ही आप की बीमारी को जड़ से ठीक करने में सक्षम है और आयुर्वेदिक दवाइयां सबसे सेफ माना गया है

Q ) high Antistreptolysin O (ASO) के लिए सबसे बेहतरीन मेडिसिन ?

Ans ) ASO TITER NAVA 120 D CURE by रहमानी आयुर्वेदा aso titer के लिए सबसे बेहतरीन और सबसे सस्ता और सबसे अच्चा मेडिसिन है जो आप की बीमारी को मात्र 4 महीने में ही जड़ से ठीक कर देता है

Q ) Antistreptolysin O (ASO) में आयुर्वेदिक मेडिसिन के फायदे ?

Ans ) सबसे सेफ, सबसे अच्चा, कोई नुकसान नहीं, कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं, एक बीमारी के साथ आप की शारीर से काफी सारी बीमारी को दूर करता है आप की जीवन को लम्बी बनती है उम्मीद करते है की हम ने जो भी इस आर्टिकल में आप सभी को जानकारी देने की कोशिश की है वह सभी सही जानकारी दी है यह जानकारी आप सभी के लिए फायेदे मंद होंगे और इस आर्टिकल को पढने के बाद  मुझे उम्मीद है की आप को कहीं भटकना नहीं पढ़ेगा  यदि फिर भी अगर कोई जानकारी छुट गई हो तो आप comment बॉक्स में लिख सकते है इस आर्टिकल को पढने के लिए आप सभी का धन्यवाद आप सब एक आर्टिकल को कम से कम 5 लोगों तक ज़रूर शेयर करें  अधिक जानकारी के लिए आप हम से भी संपर्क कर सकते है

विडियो 

9430813517

High ASO Titer Test,Reason,Symtoms,Diet,Positive Treatment

aso titer symtoms |aso titer Reason | aso titer diet | aso titer upchar

High ASO Titer Test: Reasons, Symptoms, Diet, and Positive Treatment

ASO (Anti-Streptolysin O) Titer test का उपयोग यह जांचने के लिए किया जाता है कि शरीर में स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीबॉडीज मौजूद हैं या नहीं। हाई ASO Titer का मतलब है कि हाल ही में स्ट्रेप्टोकोकस संक्रमण हुआ है। आइए इसके कारण, लक्षण, डाइट और उपचार के बारे में जानते हैं:


1. Reasons (कारण):

  • Strep Throat: Streptococcus बैक्टीरिया का सबसे सामान्य संक्रमण, जो गले को प्रभावित करता है।
  • रूमेटिक फीवर: स्ट्रेप इंफेक्शन की वजह से रूमेटिक फीवर हो सकता है, जिससे हृदय, जोड़ों और मस्तिष्क पर असर पड़ता है।
  • ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस: यह एक किडनी संक्रमण है जो Streptococcus बैक्टीरिया के कारण हो सकता है।
  • स्किन इंफेक्शन: त्वचा पर भी Streptococcus संक्रमण होने से ASO Titer बढ़ सकता है।
  • स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया का हालिया संपर्क: बैक्टीरिया के संपर्क में आने से भी एंटीबॉडी का स्तर बढ़ सकता है।

2. Symptoms (लक्षण):

ADVERTISEMENT
hiv ayurvedic medicine|hiv cure medicine|hiv symptoms
  • जोड़ों में सूजन और दर्द: अक्सर रूमेटिक फीवर या अन्य स्ट्रेप इंफेक्शन से जोड़ों में सूजन और दर्द होता है।
  • गले में खराश: स्ट्रेप इंफेक्शन की पहचान गले की खराश और सूजन से होती है।
  • त्वचा पर चकत्ते: कई बार त्वचा पर लाल चकत्ते दिखाई देते हैं।
  • बुखार: संक्रमण की वजह से शरीर में बुखार हो सकता है।
  • थकान और कमजोरी: शरीर में संक्रमण से थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
  • किडनी की समस्या: यूरिन के रंग में बदलाव और किडनी में सूजन भी हो सकती है।

3. Diet (डाइट):

  • Vitamin C युक्त खाद्य पदार्थ: संतरा, नींबू, अमरूद, और ब्रोकली का सेवन करें जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
  • Anti-inflammatory Foods: हल्दी, अदरक, और ग्रीन टी जैसी चीजें सूजन को कम करने में मददगार होती हैं।
  • प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ: प्रोटीन इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है, जैसे कि दाल, सोया, और दही।
  • Antioxidant Foods: बेरीज़, नट्स, और हरी पत्तेदार सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं जो बैक्टीरियल इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करती हैं।
  • पानी का अधिक सेवन: शरीर में से विषैले पदार्थों को निकालने में पानी बहुत जरूरी होता है।
  • प्रोबायोटिक्स: दही और किमची जैसे प्रोबायोटिक फूड्स पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं और शरीर में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ाते हैं।aso titer symtoms |aso titer Reason | aso titer diet | aso titer upchar

4. Positive Treatment (उपचार):

  • एंटीबायोटिक थेरेपी: स्ट्रेप इंफेक्शन को ठीक करने के लिए डॉक्टर पेनिसिलिन और एरिथ्रोमाइसिन जैसी एंटीबायोटिक दवाएं दे सकते हैं। जो की पेशेंट को कभी भी ठीक नहीं कर सकता है न ही इस बीमारी को जड़ से ठीक कर सकता है
  • Anti-inflammatory Medications: सूजन और दर्द के लिए आईबुप्रोफेन जैसी दवाओं का उपयोग किया जा सकता है।इन दवाओं से भी कुछ फर्क नहीं पड़ता है ज़िन्दगी भर इस का सेवन करने पर भी ठीक नहीं हो सकते है
  • फिजियोथेरेपी:अगर जोड़ों में दर्द और सूजन है, तो फिजियोथेरेपी मददगार हो सकती है। कम हो सकता है लेकिन पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता है
  • संक्रमण की रोकथाम: बार-बार होने वाले स्ट्रेप इंफेक्शन से बचने के लिए अच्छी हाइजीन बनाए रखें।
  • Immunomodulatory Therapy: शरीर की इम्यून प्रतिक्रिया को ठीक करने के लिए इम्यूनोमॉड्यूलेटरी थेरेपी का उपयोग किया जा सकता है। इन सब से कुछ नहीं होने वाला है
  • Regular Monitoring: डॉक्टर द्वारा नियमित रूप से ASO Titer टेस्ट करवाएं ताकि संक्रमण का जल्दी पता चल सके।
  • High ASO Titer के लिए Positive आयुर्वेदिक Treatment

    आयुर्वेद में प्राकृतिक औषधियों और उपचारों से संक्रमण और सूजन जैसी समस्याओं का इलाज किया जाता है। High ASO Titer, जो स्ट्रेप्टोकोकस संक्रमण की उपस्थिति को दर्शाता है, इसके प्रबंधन के लिए आयुर्वेदिक उपचार बहुत प्रभावी हो सकते हैं। यहां कुछ आयुर्वेदिक उपचार दिए गए हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकते हैं और संक्रमण से लड़ने में सहायक होते हैं।


    1. हल्दी और शहद का सेवन

    • लाभ: हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो संक्रमण और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से यह अधिक प्रभावी हो जाता है।
    • कैसे करें सेवन: एक चम्मच हल्दी पाउडर में आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें।

    2. अश्वगंधा

    • लाभ: अश्वगंधा एक शक्तिशाली प्रतिरक्षा बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी है, जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करती है और ताकत बढ़ाती है।
    • कैसे करें सेवन: अश्वगंधा का चूर्ण या कैप्सूल को दूध या गुनगुने पानी के साथ रोजाना एक बार लें।

    3. गिलोय (अमृता)

    • लाभ: गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ाते हैं और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं।
    • कैसे करें सेवन: गिलोय का रस सुबह खाली पेट लें या फिर गिलोय की गोली डॉक्टर की सलाह से लें।

    4. तुलसी का काढ़ा

    • लाभ: तुलसी एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है, जो संक्रमण को कम करने में मदद करती है और इम्यूनिटी को मजबूत बनाती है।
    • कैसे बनाएं और सेवन करें: एक कप पानी में 5-6 तुलसी के पत्ते, अदरक का छोटा टुकड़ा और एक चुटकी हल्दी डालकर काढ़ा बनाएं और रोज सुबह इसका सेवन करें।

    5. नीम

    • लाभ: नीम में एंटी-बैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो शरीर को बैक्टीरियल संक्रमण से सुरक्षित रखने में सहायक होते हैं।
    • कैसे करें सेवन: नीम की पत्तियों का रस या नीम की गोली का सेवन रोजाना करें, लेकिन सीमित मात्रा में, क्योंकि अत्यधिक सेवन से गर्मी बढ़ सकती है।

    6. त्रिफला चूर्ण

    • लाभ: त्रिफला में तीन प्रमुख जड़ी-बूटियां – आंवला, हरड़, और बहेड़ा – होती हैं, जो पाचन और प्रतिरक्षा को मजबूत करती हैं।
    • कैसे करें सेवन: एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी में मिलाकर रात में सोने से पहले लें।

    7. आंवला का सेवन

    • लाभ: आंवला में विटामिन C की अधिकता होती है, जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करती है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है।
    • कैसे करें सेवन: आंवला का रस या कच्चे आंवला का सेवन रोजाना सुबह खाली पेट करें।

    8. अदरक और लहसुन

    • लाभ: अदरक और लहसुन में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं।
    • कैसे करें सेवन: अदरक और लहसुन का सेवन कच्चा या फिर भोजन में मिलाकर करें।

    9. बृहत्त्रयी (च्यवनप्राश)

    ADVERTISEMENT
    hiv ayurvedic medicine|hiv cure medicine|hiv symptoms
    • लाभ: च्यवनप्राश में अश्वगंधा, आंवला और गिलोय सहित कई आयुर्वेदिक तत्व होते हैं जो प्रतिरक्षा को बढ़ाते हैं।
    • कैसे करें सेवन: च्यवनप्राश का सेवन रोज सुबह खाली पेट करें। इसे दूध के साथ लेना अधिक लाभदायक है।

    10. पंचकर्म थेरेपी

    • लाभ: आयुर्वेदिक पंचकर्म थेरेपी जैसे कि विरेचन, बस्ति, और नस्य शरीर की गहराई से सफाई करके विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में सहायक हैं।
    • कैसे करें: पंचकर्म थेरेपी को किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की देखरेख में ही कराएं।

    निष्कर्ष: High ASO Titer की समस्या को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार प्रभावी हो सकते हैं। हालांकि, इन उपचारों का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेना उचित होता है। संयमित आहार और स्वस्थ जीवनशैली के साथ इन उपचारों का नियमित पालन करने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है।


ऊपर में जितनी भी जड़ी बूटी बताया गया है यह सब आप की ASO TITER कम ज़रूर कर सकता है लेकिन पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकता है 

आइये जानते है फिर कोन सी दवाई है जो इस बीमारी को जड़ से ठीक कर सकता है दोस्तों वह दवा है (ASO Titer D क्योर) जो आप सभी को फ्लिप्कार्ट पर भी मिल जायेगा वह से  ले सकते है या फिर आप कॉल करके डायरेक्ट हम से भी आर्डर कर सकते है 9430813517

kya HIV/AIDS Ayurved me jad Se thik ho sakta hai

HIV KA ILAJ |HIV AYURVEDIC MEDICINE FOR HIV |HERBAL HIV CURE

HIV/AIDS आयुर्वेद में जड़ से ठीक हो सकता है या नहीं?

HIV/ AIDS  होता क्या है पहले इसका समझना बहुत ज़रूरी है जवाब  है की एक खास किस्म का वायरस जो बॉडी के इम्यून सेल को मारने की कोशिश करना है और यह वाइट ब्लड सेल को पूरी तरह से नुकसान पहुचता है जिसके कारण वायरस से लड़ने की छमता बॉडी के अंदर कम हो जाता है और यह पूरी तरह से ब्लड के अंडर हावी हो जाता है फिर इसको ब्लड से निकालना बहुत मुश्किल हो जाता है लेकिन ऐसा नहीं है की यह थी नहीं हो सकता है बल्कि यह 100% ठीक होता है लेकिन इसके इलाज की तरीका को समझना होगा कहते है न की हर इंसान संप को नहीं पकड़ सकता है लेकिन जिसने एक बार पाकर लिया उसके लिए कुछ भी नहीं है बस एक बार पकरने के लिए आना चाहिए इसके इलाज को लेकर हम आखिर में बात करेंगे पहले आप को अच्चा से समझा देते है की HIV में क्या करें क्या ना करें

HIV/AIDS एक वायरस के कारण होने वाली बीमारी है जो वर्तमान में चिकित्सा विज्ञान के अनुसार पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकती, लेकिन प्राचीन मानव मनोविज्ञान {ancient human psychology} इसका सही इलाज और प्रबंधन करता है। हालाँकि,आयुर्वेद में कई चिकित्सक इस बीमारी को ठीक करने के दावे करते हैं,पर हम यहाँ पर उसी के बारे में बताएँगे जिसका इलाज से 100% रिजल्ट मिलता है ताकि आप को भटकने की ज़रूरत न पड़ें क्यों की आज लोग ठगों की चककर में पड़ के लाखों रूपए बर्बाद कर देते है लेकिन ठीक नहीं होता है  जिसके इलाज में  वैज्ञानिक प्रमाण और  प्रमाणित इलाज आयुर्वेद में पाया गया है  इस आयुर्वेदि औषधि में कई ऐसे गुण पाए गए है जो HIV को पूरी तरह से समाप्त कर सकता है और यह विज्ञानिकों ने माना है।HIV AYURVEDIC CURE MEDICINE|HIV UPCHAR

आधुनिक चिकित्सा पद्धति में एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) उपलब्ध है, जो वायरस को नियंत्रित करने और रोगी की जीवन प्रत्याशा को बढ़ाने में सहायक होती है। इसलिए, HIV/AIDS से पीड़ित मरीजों को किसी भी उपचार से पहले प्रमाणित चिकित्सा परामर्श और सावधानी बरतनी चाहिए।

अतः आयुर्वेद में HIV/AIDS का जड़ से इलाज संभव है, आयुर्वेदिक उपचारों का सहारा लेकर रोगी की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाता है HIV/एड्स के संर्कामण के कारण डिफेक्टिव सेल को आयुर्वेदिक मेडिसिन के ज़रए फिर से जिंदा किया जाता है जिससे आप की जीवन पूरी तरह से नार्मल हो जाती है आयुर्वेद का एक ही फार्मूला है की बीमारी को जड़ से ठीक करना

HIV/AIDS क्या है?

ADVERTISEMENT
hiv ayurvedic medicine|hiv cure medicine|hiv symptoms

HIV (Human Immunodeficiency Virus) एक ऐसा वायरस है जो इंसान के शरीर में मौजूद प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को कमजोर कर देता है। यह वायरस शरीर के CD4 कोशिकाओं (जो संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं) को नष्ट कर देता है, जिससे व्यक्ति अन्य बीमारियों और संक्रमणों का शिकार हो जाता है। जब HIV संक्रमण का इलाज न किया जाए, तो यह AIDS (Acquired Immunodeficiency Syndrome) में बदल सकता है, जो HIV का अंतिम चरण है।

क्या HIV/AIDS का आयुर्वेद में इलाज है?

  • आयुर्वेद में दावे: कुछ आयुर्वेदिक चिकित्सक और संस्थान दावा करते हैं कि HIV/AIDS का इलाज आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और उपचारों से संभव है। इनमें कुछ औषधियां रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, शरीर को मजबूती देने और जीवनशैली सुधारने के उद्देश्य से दी जाती हैं। जो की 100% दावा सही है आयुर्वेद में HIV और AIDS का इलाज बिलकुल संभव है
  • वैज्ञानिक प्रमाण की कमी: हालाँकि,आयुर्वेदिक उपचार के इन दावों को वैज्ञानिक शोध और प्रमाण २०२३ में मिल चूका हैं। अब तक HIV/AIDS का जड़ से इलाज 1500 लोगों का आयुर्वेदिक पद्धति से संभव हो चूका है। इसलिए, आयुर्वेदिक इलाज को HIV /AIDS की उपचार के लिए अनुमति मिल चूका है, जो रोगी की समग्र स्थिति में सुधार कर के पूरी तरह से ठीक कर  सकता है।

आधुनिक चिकित्सा पद्धति में HIV/AIDS का इलाज

ADVERTISEMENT
hiv ayurvedic medicine|hiv cure medicine|hiv symptoms
  • एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART): आधुनिक चिकित्सा में, HIV के प्रबंधन के लिए एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) उपलब्ध है। यह थेरेपी HIV वायरस को शरीर में बढ़ने से रोकने में मदद करती है और मरीज की जीवन प्रत्याशा को बढ़ाती है।
  • HIV को नियंत्रित करना: ART नियमित रूप से लेने पर वायरस को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे रोगी एक सामान्य जीवन जी सकता है। यह वायरस को खत्म नहीं करती, लेकिन इसे नियंत्रण में रखती है।

आयुर्वेद की भूमिका

आयुर्वेदिक उपचारों में ऐसी जड़ी-बूटियाँ और औषधियां शामिल होती हैं जो:

  1. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती हैं।
  2. पाचन तंत्र को बेहतर करती हैं।
  3. शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करने का काम करती हैं।
  4. तनाव और चिंता को कम करने के लिए ध्यान और योग को भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

हकीकत और सावधानियाँ

  • HIV/AIDS के इलाज आयुर्वेद में अब तक हजारों लोग ठीक हो चुके है ,जिसमें कुछ लोग “आयुर्वेदिक इलाज से HIV को जड़ से खत्म कर देते है जैसे जी एक बिहार वाले हाकिम जी है जो अब तक कई हज़ार लोगों को ठीक किया है और वह 100 % इलाज नहीं होने पर पैसा वापसी का दावा करते हैं। किसी भी तरह का उपचार शुरू करने से पहले किसी प्रमाणित डॉक्टर या HIV विशेषज्ञ से परामर्श लें। बिहार वाले हाकिम का नाम | हाकिम रहमानी है 

उपाय और सावधानियाँ

ADVERTISEMENT
hiv ayurvedic medicine|hiv cure medicine|hiv symptoms
  • ART थेरेपी को बिना डॉक्टर की सलाह के न छोड़ें।
  • आयुर्वेदिक उपचार को मुख्य इलाज के रूप में अपनाएँ।
  • स्वस्थ जीवनशैली: पोषणयुक्त आहार, योग, ध्यान, और तनाव प्रबंधन HIV/AIDS रोगियों के लिए महत्वपूर्ण है।
  • धोखेबाज दावों से बचें: HIV/AIDS के इलाज को लेकर किए जाने वाले झूठे दावों और फ्रॉड डॉक्टरों से सावधान रहें।

HIV/AIDS का आयुर्वेद में प्रमाणित जड़ से इलाज मिल चूका है। आयुर्वेदिक उपचारों से रोगियों की स्वास्थ्य स्थिति और प्रतिरोधक क्षमता में सुधार किया जा सकता है और जड़ से ठीक भीपर एलोपैथिक वालों का माना करने का सबसे बड़ा  कारण एलोपैथिक मेडिसिन कालाबाजारी Black Market और पूरी दुनिया से फंडिंग और अमेरिका का दबदबा। इसलिए, उचित चिकित्सा परामर्श के साथ ही किसी भी उपचार को अपनाएँ।

Meet Ayurvedic Doctor for High ASO Titer Diseases

क्या आप को भी aso टिटर की बीमारी है आप इलाज कर के परेशान हो गए है कभी बढ़ जाता है तो कभी घट जाता है दर्द से रहते है परेशान दिन रात रहते है बेचैन allopathic medicine खा कर आ चुके है तंग

क्या आप भी बढते aso टिटर से चिंतित है तो अब चिंता छोरो और हमारे इस लेख को आखिर तक पढों आप को aso टिटर से निपटने का सलूशन मिल जायेगा क्यों की हम आप को आज यही बताने वाले है की aso टिटर कैसे ठीक होगा

तो अब परेशान होने की ज़रूरत नहीं है क्यों की आज में आप सभी भाइयों को एक ऐसे जड़ी बूटी दवाई के बारे में बताने वाला हु जिससे aso टिटर हमेशा के लिए ख़त्म हो जायेगा फिर कभी वापस नहीं आयेगा सही सुना आप सभी ने जी हाँ

आइये सबसे पहले जानते है की वह किस टाइप की दवा है क्या कोई नुकसान करेगी या फिर बिना नुकसान के यह ठीक करेगी आप सभी को बता दूँ की यह एक जड़ी बूटी दवा है जो आप को कोई भी नुकसान नहीं करेगी बिना नुकसान के ठीक कर देगी बीमारी

आप सब को जानकारी के लिए बता दूँ की यह दवा बहुत ही असरदार है और यह आप की बीमारी को जड़ से ठीक करता है जिसका नाम है ASO 120D Cure Medicine  और यह दवा आप को फ्लिप्कार्ट और अमेज़न पर भी मिल जाएगी यह Approved दवा है

एएसओ टिटर क्या है?

ADVERTISEMENT


एएसओ टिटर (Anti Streptolysin O titre) एक ब्लड टेस्ट है जो शरीर में स्ट्रीपटोकोकस बैक्टीरिया के संक्रमण का पता लगाने के लिए किया जाता है। जब शरीर में यह बैक्टीरिया प्रवेश करता है, तो इम्यून सिस्टम इसके खिलाफ एंटीबॉडीज का निर्माण करता है। एएसओ टेस्ट इस एंटीबॉडी की मात्रा को मापता है। एएसओ टिटर अधिकतर तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को गले में संक्रमण (फेरिंजाइटिस) या त्वचा पर संक्रमण का संदेह होता है जो स्ट्रीपटोकोकस बैक्टीरिया से संबंधित हो सकता है।

यदि एएसओ का स्तर अधिक पाया जाता है, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति को हाल ही में स्ट्रीपटोकोकस संक्रमण हुआ है। समय पर इस संक्रमण का उपचार न किया जाए तो यह आगे चलकर रूमेटिक फीवर और ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए, इस टेस्ट का समय पर पता लगाना और उपचार बेहद महत्वपूर्ण है।

ASO Titer Ayurveda Medicine,ASO titer herbal medicine,aso titer ayurveda treatment, liver treatment,liver medicine,liver ayurveda medicine,liver upchar,liver care,kidney stone treatment,kidney stone upchar,kidney stone ayurvedic ilaj,kidney stone,ayurveda treatment,piles upchar,desi treatment, piles ayurveda cure,piles treatment,my medicine,

एएसओ टिटर से जुड़ी समस्याएं

एएसओ टिटर का स्तर बढ़ने से आमतौर पर निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:

  1. रूमेटिक फीवर: यह एक जटिलता है जो स्ट्रीपटोकोकस बैक्टीरिया के इलाज न होने पर विकसित हो सकती है। इससे दिल, जोड़ों, त्वचा और मस्तिष्क प्रभावित हो सकते हैं।
  2. ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस: यह एक किडनी की बीमारी है जो स्ट्रीपटोकोकस संक्रमण के बाद उत्पन्न हो सकती है।
  3. स्कारलेट फीवर: यह संक्रमण से उत्पन्न होने वाली एक स्थिति है जिसमें त्वचा पर लाल धब्बे निकलते हैं और गले में तेज दर्द होता है।
  4. सेप्सिस: यह स्ट्रीपटोकोकस बैक्टीरिया के गंभीर संक्रमण से उत्पन्न हो सकता है, जिसमें बैक्टीरिया रक्तप्रवाह में प्रवेश करता है और शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करता है।

एएसओ टिटर के आयुर्वेदिक इलाज

आयुर्वेद, एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति, शरीर में होने वाले असंतुलनों को जड़ से ठीक करने पर केंद्रित है। यह रोगी के शरीर की प्राकृतिक शक्ति को बढ़ाने और बैक्टीरिया से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है। एएसओ टिटर से संबंधित समस्याओं का आयुर्वेदिक दृष्टिकोण निम्नलिखित है:

1. आहार चिकित्सा (Dietary Therapy)

ADVERTISEMENT


आयुर्वेद में आहार का विशेष महत्व है। स्ट्रीपटोकोकस संक्रमण के दौरान और उसके बाद रोगी का आहार बहुत महत्वपूर्ण होता है। निम्नलिखित आहार अपनाया जा सकता है:

  • हल्का और सुपाच्य भोजन: शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है, लेकिन इसे पचाने में अधिक ऊर्जा न लगे। इसके लिए मूंग की दाल, खिचड़ी, और दलिया उपयुक्त होते हैं।
  • ताजा फल और सब्जियां: ये इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। विशेष रूप से विटामिन C से भरपूर फल जैसे संतरा, नींबू और आंवला महत्वपूर्ण होते हैं।
  • तुलसी और हल्दी: तुलसी और हल्दी के सेवन से शरीर में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण बढ़ते हैं। इन्हें चाय में मिलाकर या दूध में हल्दी मिलाकर सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।

2. हर्बल उपचार (Herbal Remedies)

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। कुछ महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियाँ निम्नलिखित हैं:

  • गुडुची (Tinospora Cordifolia): यह जड़ी बूटी शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है और संक्रमण को कम करती है। इसे आयुर्वेद में इम्युनोमॉड्यूलेटर के रूप में माना जाता है।
  • आंवला (Indian Gooseberry): विटामिन C का एक समृद्ध स्रोत होने के कारण, आंवला शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
  • नीम (Azadirachta indica): नीम एक प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक है। इसका सेवन संक्रमण को रोकने में मदद कर सकता है।
  • तुलसी (Holy Basil): तुलसी संक्रमण से लड़ने और गले की सूजन को कम करने में मदद करती है।
  • हल्दी (Turmeric): हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबायोटिक गुणों के लिए जाना जाता है।

3. पंचकर्म (Detoxification Therapy)

आयुर्वेदिक पंचकर्म शरीर को शुद्ध करने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए उपयोग किया जाता है। संक्रमण के बाद, पंचकर्म शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को पुनः प्राप्त करने में मदद करता है। इसमें निम्नलिखित प्रक्रियाएँ शामिल हो सकती हैं:

  • वमन (Therapeutic Vomiting): शरीर से अतिरिक्त कफ और विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए किया जाता है।
  • विरेचन (Purgation Therapy): शरीर से पित्त दोष को नियंत्रित करने के लिए यह प्रक्रिया उपयोग की जाती है।
  • नस्य (Nasal Therapy): यह प्रक्रिया गले, नाक, और कानों के संक्रमण से राहत पाने में मदद करती है।

4. योग और प्राणायाम

ADVERTISEMENT


योग और प्राणायाम शरीर की ऊर्जा को पुनः प्राप्त करने में मदद करते हैं और तनाव को कम करते हैं, जो कि संक्रमण के बाद बेहद जरूरी होता है। निम्नलिखित योग और प्राणायाम एएसओ टिटर से संबंधित समस्याओं में मदद कर सकते हैं:

  • भस्त्रिका प्राणायाम: यह प्राणायाम शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाता है और शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
  • अनुलोम-विलोम: यह नाड़ी शोधन प्राणायाम तनाव को कम करता है और शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करता है।
  • सूर्य नमस्कार: यह योग आसन शरीर के मेटाबोलिज्म को तेज करता है और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।

5. जीवनशैली में बदलाव

आयुर्वेद में जीवनशैली का भी महत्वपूर्ण योगदान है। कुछ जीवनशैली संबंधित टिप्स जो एएसओ टिटर के मामलों में लाभकारी हो सकते हैं:

  • नियमित व्यायाम: हल्का व्यायाम जैसे चलना, योग और प्राणायाम करने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है।
  • पर्याप्त नींद: संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर को आराम की आवश्यकता होती है। 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लेना महत्वपूर्ण है।
  • तनाव का प्रबंधन: तनाव शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर करता है। इसके लिए ध्यान और योग नियमित रूप से करें।

निष्कर्ष

एएसओ टिटर के मामलों में आयुर्वेदिक उपचार शरीर को भीतर से मजबूत बनाने और इम्यून सिस्टम को पुनः प्राप्त करने में मदद करता है। आयुर्वेदिक आहार, हर्बल उपचार, पंचकर्म, योग और सही जीवनशैली अपनाकर इस संक्रमण के प्रभाव को कम किया जा सकता है। हालांकि, किसी भी उपचार को शुरू करने से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक है ताकि उपचार व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार किया जा सके।

 

 

क्या आयुर्वेदिक दवा से एचआईवी का इलाज संभव है

एचआईवी रोगियों के लिए आयुर्वेदिक दवा:

हमारी वेबसाइट पर आपका स्वागत है, जो एचआईवी रोगियों के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा की जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित है। यहां, हमारा उद्देश्य आपको एचआईवी चिकित्सा में नवीनतम समाचार और विकास से अवगत कराना है।

आयुर्वेद और एचआईवी को समझना

 

ADVERTISEMENT


आयुर्वेद, जो प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली है, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है। यह शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखने पर जोर देता है ताकि संपूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सके। हाल के वर्षों में,आयुर्वेदिक चिकित्सा को एचआईवी/एड्स के प्रबंधन में संभावित लाभों के लिए ध्यान में रखा गया है।

हालांकि आयुर्वेद एचआईवी को ठीक करने का दावा नहीं करता, इसे पारंपरिक उपचार के साथ एक पूरक चिकित्सा के रूप में उपयोग किया जा सकता है। आयुर्वेदिक उपचारों का उद्देश्य प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना, समग्र स्वास्थ्य में सुधार करना और एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) के दुष्प्रभावों को कम करना है।

एचआईवी रोगियों के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा के लाभ

  1. प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन: आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां और सूत्रीकरण प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं, जो एचआईवी रोगियों के लिए महत्वपूर्ण है। अश्वगंधा, तुलसी और आंवला जैसी जड़ी-बूटियों में प्रतिरक्षा को बढ़ाने वाले गुण होते हैं जो शरीर की रक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकते हैं।
  2. दुष्प्रभावों का प्रबंधन: एंटीरेट्रोवायरल दवाओं के कारण मतली, दस्त और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा इन लक्षणों को कम करने और रोगी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्राकृतिक उपचार प्रदान करती है।
  3. तनाव में कमी: एचआईवी के साथ जीना मानसिक और भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आयुर्वेद ध्यान, योग और जड़ी-बूटियों के माध्यम से तनाव प्रबंधन के महत्व पर जोर देता है। ये तकनीक एचआईवी रोगियों को चिंता, अवसाद से निपटने और समग्र कल्याण में सुधार करने में मदद कर सकती हैं।

आयुर्वेदिक उपचार दृष्टिकोण

    1. जड़ी-बूटी आधारित उपचार: आयुर्वेदिक चिकित्सक एचआईवी रोगियों की व्यक्तिगत ज़रूरतों के अनुसार विशेष जड़ी-बूटियां और जड़ी-बूटी आधारित फार्मूलों को निर्धारित करते हैं। माना जाता है कि इन जड़ी-बूटियों में एंटीवायरल, प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले और शरीर को शुद्ध करने वाले गुण होते हैं।
ADVERTISEMENT


  1. आहार संबंधी सिफारिशें: आयुर्वेद में आहार और पोषण पर बहुत जोर दिया जाता है। एचआईवी रोगी ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त संतुलित आहार से लाभ उठा सकते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक रोगी के शरीर के प्रकार (दोष) के आधार पर विशेष आहार संशोधन की सिफारिश कर सकते हैं।
  2. जीवनशैली में परिवर्तन: आयुर्वेद समग्र स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ जीवनशैली के महत्व पर जोर देता है। इसमें नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, तनाव प्रबंधन और धूम्रपान तथा अत्यधिक शराब के सेवन जैसी अस्वस्थ आदतों से बचना शामिल है।

महत्वपूर्ण विचार

किसी भी आयुर्वेदिक उपचार को शुरू करने से पहले एक योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना आवश्यक है। वे आपकी व्यक्तिगत ज़रूरतों का आकलन कर सकते हैं, व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उपचार आपके पारंपरिक एचआईवी उपचार के साथ मेल खाता हो।

याद रखें, आयुर्वेद पारंपरिक चिकित्सा का विकल्प नहीं है। निर्धारित एंटीरेट्रोवायरल दवाएं लेना और अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता की सलाह का पालन करना आवश्यक है।

एचआईवी दवा समाचार से जुड़े रहें

हमारी वेबसाइट समय पर एचआईवी चिकित्सा समाचार पर नवीनतम अपडेट प्रदान करने के लिए समर्पित है। हम समझते हैं कि एचआईवी उपचार और अनुसंधान में नवीनतम प्रगति के बारे में जानकारी रखना कितना महत्वपूर्ण है। समाचार लेख, अनुसंधान निष्कर्ष, और विशेषज्ञ राय के लिए नियमित रूप से जांच करते रहें।

अस्वीकरण: इस वेबसाइट पर दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। अपने एचआईवी उपचार योजना में किसी भी बदलाव को लागू करने से पहले हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करें।

हमारे साथ जुड़ें और एचआईवी रोगियों का समर्थन करने और आयुर्वेदिक चिकित्सा के संभावित लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के मिशन में भागीदार बनें। साथ मिलकर, हम एचआईवी से पीड़ित लोगों के जीवन में सुधार कर सकते हैं।

एचआईवी उपचार के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा

ADVERTISEMENT



एचआईवी के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, लक्षणों का प्रबंधन करने और समग्र जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने पर केंद्रित है। जबकि यह इलाज की पेशकश नहीं करता, अश्वगंधा, गिलोय (टीनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया),

आंवला (भारतीय आँवला), और नीम जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सामान्य रूप से प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने, सूजन को कम करने और शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा को समर्थन देने के लिए उपयोग किया जाता है। इन उपचारों को आम तौर पर जीवनशैली में बदलाव जैसे स्वस्थ आहार और तनाव कम करने वाली तकनीकों के साथ जोड़ा जाता है,

ताकि पारंपरिक एचआईवी उपचारों के साथ-साथ उपयोग किया जा सके, जिससे दुष्प्रभाव कम हों और समग्र जीवन शक्ति में सुधार हो। हालांकि, एचआईवी के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करने से पहले स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करना अनिवार्य है।

भारत में एचआईवी का उपचार संभव है

ADVERTISEMENT


अगर आप भी एचआईवी बीमारी से परेशान हैं, दवाएं लेने से थक चुके हैं, एआरटी की गोलियों से ऊब गए हैं, तो अब चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि आयुर्वेदिक में इसका पूरा इलाज है, जिसे आज दुनियाभर के लोग आयुर्वेदिक दवाओं के माध्यम से इस्तेमाल कर रहे हैं और ठीक हो रहे हैं। हां दोस्तों, अब चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है, अगर आप भी भारत में हैं तो आपका भी इलाज किया जाए

ASO Titer Positive Treatment in Herbal

क्या आप (एएसओ) टिटर की बीमारी से परेशान है इलाज करा के थक चुके हो ठीक नहीं हो रहा है तो आप सही जगह पर आये है यहाँ पर हम आप को (एएसओ) टिटर के बारे पूरी जानकारी देंगे और आप को बताएँगे की एएसओ टिटर क्यों होता है

कैसे होता है |और यह बीमारी आप के लिए कितना खतरनाक है और आज यानि की 2024 में इस बीमारी से कितने लोग परेशान है और यह बीमारी कितनी तेज़ी से बढ़ रहा है कैसे इस बीमारी को रोका जा सकता है सबसे बड़ी बात यह है की

इस बीमारी का आब तक कोई इलाज क्यों नहीं है या इलाज है पर हमें पता नहीं है इतनी बड़ी बड़ी बिमारियों को ठीक करने वाले डॉक्टर आज क्यों इस बीमारी को ठीक करने में बेबस है क्या यह बीमारी सच में थीक नहीं हो सकती है क्या इसकी कोई दवाई सच में नहीं है

कब तक इस बीमारी की दवाई आएगी क्या है इस बीमारी की हकीकत क्यों नहीं बना पा रही है कोई भी इस बीमारी की दवाई इस बीमारी की पहचान क्या है कैसे पता करे की हम को एएसओ टिटर हुआ है इस बीमारी का पूरा नाम क्या है

वही हम बात करेंगे आयुर्वेदा और हर्बल मेडिसिन की क्या हर्बल या आयुर्वेदा में इसका कोई इलाज है या नहीं है और यह भी जानेगे की इस बीमारी को जड़ से ठीक करने के लिए कितना दिन तक दवा खाना पड़ता है क्या कोई आब तक इस बीमारी में ठीक भी हुआ की नहीं

कैसे होगा ASO Titer ठीक क्या है उपचार 

ADVERTISEMENT


क्यों की आयुर्वेदा और हर्बल का दावा है की इस बीमारी को जड़ से ठीककिया जा सकता है जब बात आयुर्वेदा हर्बल और अल्लोपेथिक की हो तो आयुर्वेद का कहना है की आयुर्वेद से पुरानी अल्लोपेथिक नहीं है आयुर्वेद का कहना है

की जब लोग अल्लोपेथिक दवाइयां खा खा कर थक जाते है और ठीक नहीं होता है तब लोग आयुर्वेद में आते है क्यों की यह 5000 साल पुरानी दवा है जब दुनिया में अल्लोपेथिक मेडिसिन का नाम और निशान नहीं था तब यही दवाई थी लोग इसी से थीक होते थे Abhishek Rana Naegative

आयुर्वेद का कहना है इश्वर ने कुदरती तौर पर पेड़ पौधा को हमारे लिए ही धरती पर बनाया है ताकि जब भी हम बीमार पड़े तो इन्ही पेड़ पौधा का इस्तेमाल कर खुद को ठीक कर सकते है लेकिन आज लोग इस से बहुत दूर है क्यों की आज

प्रचार के जरये अल्लोपेथिक मेडिसिन लोगों को अपने ओर बुलाने में कामयाबी हासिल कर लिया है क्यों की आज के पढ़े लिखे लोगों को यह बात अच्छे से पता है की अगर किसी इंसान को पूरी तरह से अपने कब्ज़े में लेना है तो उसकी बॉडी को कब्जाने की ज़रूरत नहीं है

बल्कि उसके माइंड यानि की दिमाग को कब्ज़े में लेना है बॉडी खुद ही आ जायेगा और आज हमारे साथ वही हो रहा है प्रचार के जरये से अल्लोपेथिक मेडिसिन वाले हमारे दिमाग पर हावी हो गया है वरना इन पढ़े लिखे लोगों को सवाल कीजये की आज से 300 पहले लोग

 ASO Titer का आयुर्वेदिक इलाज और परहेज

ADVERTISEMENT


बीमार पड़ते थे या नहीं आप के बाप दादा बीमार होते थे तो ठीक कैसे होते थे क्यों की उस समय तो आप नहीं थे डॉक्टर नहीं थे तो फिर ठीक कैसे होते थे इनके पास कोई जवाब नहीं है और हकीकत तो यह है की यह लोग खुद साइड इफ़ेक्ट के डर से बहुत से ऐसे डॉक्टर है जिसे मै जनता हु

जो  100 % रिजल्औट के कारण खुद आयुर्वेद और हर्बल मेडिसिन का इस्तेमाल करते है यही सच्चाई है खैर हम इस पर बात करने नहीं आये है हम को एएसओ टिटर पर बात करना है लेकिन बात से बात आई तो बताना पड़ा और यह ज़रूरी भी था

वरना हकीकत से आप वाकिफ कैसे होते इस लिए हम ने सारी बातें खुल कर रख दी चलये अब जान लेते है की एएसओ टिटर क्या होता है जी हाँ दोस्तों एएसओ टिटर को एंटीस्ट्रेप्टोलिसिन ओ  भी कहा जाता है यह एक बक्टिरियल इन्फेक्शन है

  1. एंटीस्ट्रेप्टोलिसिन ओ एक बेक्टेरियल इन्फेक्शन है यह बात सबको पता है लेकिन यह इन्फेक्शन कहाँ होता है यह बहुत कम ही लोगों को पता होगा और वह यह है की यह गले में होता है इस लिए उसका का धियान ज़रूरी है जिस कारण गले में इन्इफेक्सशन हुआ है इस लिए पहले गले का इलाज करें

Abhishek Rana positive Report 

  1. दूसरी बात हमारी यह है की यह बीमारी कितनी खतरनाक है हमारे लिए| जी हाँ यह हमारे लिए मौत का भी कारण बन सकता है समय पर इलाज बहुत ज़रूरी है वरना इस बीमारी से आप की मौत भी हो सकती है

क्या है दवा लेने का सही तरीका और कहा मिलेगी दवा 

    1. पॉइंट 3 यह की आज यानि 2024 में यह बीमारी कितने लोगों को है और कितनी तेज़ी से बढ़ रहा है अगर 24 का डाटा देखें तो करीब इस बीमारी से 85 लाख लोग इस बीमार से पॉजिटिव है जसमे से 70 हज़ार लोग अब तक आयुर्जिवेदिक मेडिसिन से ठीक हो चुके है

 

ADVERTISEMENT


  1. वही 55 लाख लोग करीब साल भर से अल्लोपेथिक दवा का इस्तेमाल कर रहे है पर अब तक पूरी तरह से कोई भी ठीक नहीं हुआ है सिर्फ कंट्रोल है वही बाकि के लोग डाइट पर अपने आप को कंट्रोल रखे है और हम हमेशा से इस बात को कहते हुए आयें है की डाइट पर धियान बहुत ही आवशक है क्यों की अक्सर बिमारियों इसी कारण ख़त्म नहीं होती है
  2. आप की जानकारी के लिए बता दें की जो अल्लोपेथिक दवाइयां इस बीमारी के लिए ले रहे है जैसे की पेंसिलिने और penidure injection ले रहे है उन में से अधिक तर लोगों को kidney की बीमारी हो रही है किसी की kidney काम करना बंद हो जा रहा है तो किसी का ख़राब हो जा रहा है इस लिए आप खुद ही सोचे की कितना सेफ है यह मेडिसिन
  3. दूसरी ओर जिन लोगों ने आयुर्वेदिक मेडिसिन का इस्तेमाल किया है वह पूरी तरह से ठीक हो चुके है लेकिन बात घूम फिर कर यहाँ पर आ जाती है की इतने काम लोग ही क्यों आयुर्वेद में इलाज किया है बाकि के लोग क्यों नहीं तो आप सब को बता दूँ की लोगों को जानकारी की कमी है और दूसरी बात लोगों को प्रचार के जरये अल्लोपेथिक के ओर खीच रहे है
  4. वरना जब लोग यह समझ जाएँ की आयुर्वेदिक और हर्बल दवा ही मात्रा एक ऐसी दवा है जिससे लोग ठीक हो सकते बिना किसी नुकसान के है और यह भी समझ जाए की हमे मार्किट के फालतू का सामान नहीं खाना है अपने खाने पिने पर धियान दे तो लोग बीमार ही नहीं पड़ेंगे

आज भी वैद और हकीमों के पास है बीमारी को ठीक करने का असली समाधान 

ADVERTISEMENT


  1. आप को बता दें की आज भी बहुत सरे वैद और हाकिम ऐसे है जिनको लोग नहीं जानते है क्यों की उन्हुने कभी प्रचार नहीं क्या पर लाखों लोगआज भी ठीक होते है जैसे की हमारे देश के जाने माने पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी महिंद्रा सिंह धोनी को जब पैर में दर्द था तब उनको एक साधा रन वैद ने ही ठीक किया है

पर वैद जी ने कोई प्रचार नहीं क्या वही अल्लोपेथिक की हर दवा की प्रचार आप को कही न कही मिल ही जायेगा लाखों के तादाद में MR घूमते है जिनकी लाखों रूपए सैलरी है सोचये यह कहा से देते है यह आप ही की दवा से MR को सैलरी मिलती है

  1. वही दुनिया परेशान थी की अगर बाल झाड़ जाए या बाल टूटने लगे या कहीं से बाल उड़ जाए तो क्या किया जाएँ  से सालों से सभी अल्लोपेथिक के डॉक्टर आप को सलाह देते थे की हेयर ट्रांसप्लांट करवा लो जो की काफी पैनिक होता है और लाखों रूपए खर्च भी पड़ता है
  2. लेकिन 300 रूपए की आदिवासी हेयर आयल ने लाखों नहीं करोड़ों लोगों की नई उम्मीद जगा दी है जिसकी वजह से अब एक गरीब से गरीब इंसान भी अपने पुराने बाल को वापस ला सकता है और ठीक हो भी रहा है
  3. आयुर्वेद की कई कंपनी ने यह बात कहा है की इस बीमारी के लिए लोगों को इधर उधर भटकने की ज़रूरत नहीं है आयुर्वेद में इसकी complete इलाज है इस लिए लोगों को आयुर्वेद की तरफ आना चाहिए मात्रा आयुर्वेद और हर्बल ही एक ऐसी दवा है जो जड़ से इस बीमारी को ठीक कर सकता है अधिक जानकारी के लिए आयुर्वेद चिकित्सा से संपर्क करें

अंत में एक बात ज़रूर कहूँगा की हमारे द्वरा दी गई जानकारी आप को कैसी लगी आप ज़रूर बताएं 

 

रोगों से कैसे बचें जाने सबसे सरल तरीका

पानी शुद्ध पियो ASO Titer Ayurveda Medicine,ASO titer herbal medicine,aso titer ayurveda treatment, liver treatment,liver medicine,liver ayurveda medicine,liver upchar,liver care,kidney stone treatment,kidney stone upchar,kidney stone ayurvedic ilaj,kidney stone,ayurveda treatment,piles upchar,desi treatment, piles ayurveda cure,piles treatment,my medicine,

2. रोगों से बचने का सबसे आसान नुस्खा

ADVERTISEMENT


Ad

1. उषापान से अनेक रोगों से मुक्ति और बचाव

सांयकाल तांबे के एक बर्तन में पानी भरकर रख लें। प्रातः सूर्योदय से पूर्व उषापान के रूप में उस बासी पानी को आठ अंजलि (250 ग्राम) की मात्रा में नित्य बासी मुंह धीरे-धीरे पीएं और फिर सौ कदम टहलकर शौच जाएं। इससे कब्ज दूर होकर शौच खुलकर आने लगेगा।

पानी शुद्ध पियो

इस प्रकार उषापान करने वाला व्यक्ति मलशुद्धि के साथ बवासीर, उदर रोग, यकृत प्लीहा के रोग, मूत्र और वीर्य सम्बन्धी रोग, – कुष्ट, सिर दर्द, नेत्र विकार तथा वात पित्त और कफ से होने वाले अनेकानेक रोगों से मुक्त रहता है। बुढ़ापा उसके पास नहीं फटकता और वह शतायु होता है।

विशेष – ( 1 ) यदि वह जल मुख की बजाय नासिका से पिया जाए तो सिरदर्द, जुकाम चाहे नया हो या पुराना, नजला, नक्सीर आदि रोग जड़मूल से दूर हो जाते हैं। नेत्र ज्योति गरुड़ के समान तीव्र हो जाती है। केश असमय सफेद नहीं होते तथा – सम्पूर्ण रोगों से मुक्त रहता है।

(2) शीत ऋतु में जल अत्यन्त शीतल हो तो उसे थोड़ा गुनगुना करके पीया जा सकता है। (3) सूर्योदय से पूर्व पिया गया पानी मां के दूध के समान गुणकारी माना गया है। पानी अनेक रोगों की एक दवा जल चिकित्सा पद्धति

जापान के ‘सिकनेस एसोसिएशन’ द्वारा प्रकाशित एक लेख में इस बात की पुष्टि की गई है कि यदि सही ढंग से पानी का प्रयोग किया जाए तो कई पुरानी तथा नई बीमारियां दूर हो सकती हैं। जैसे- सिरदर्द, उच्च रक्तचाप, मोटापा, मधुमेह, खून की कमी, जोड़ों के दर्द (आर्थराइटिस), आमवात, (रियुमेटिज्म), लकवा, दिल की बीमारियां, खांसी, ब्रोंकाइटिस,

ब्रोकियल दमा, टी० बी० आदि फेफड़ों की बीमारियां, यकृत रोग, अति अम्लता, ग्रेस्ट्राइटिस, पेचिश, कब्ज आदि पाचन संस्थान की बीमारियां, मूत्र संबंधी बीमारियां, अनियमित मासिक, गर्भाशय • और स्तन कैंसर, नाक, गले और कान से सम्बन्धित बीमारियां, नेत्र रोग आदि । – यदि स्वस्थ व्यक्ति यह प्रयोग करें तो अपने स्वास्थ्य को कायम रख सकता है।

पानी शुद्ध पियो

पानी पीने की विधि -प्रातः उठते ही, बिना मंजन या ब्रश किए, लगभग सवा

लीटर (चार गिलास) पानी एक साथ पिएं, एक के बाद एक गिलास। इसके बाद एक

घंटे तक कुछ भी खाए-पिएं नहीं। पानी पीने के बाद मुंह धो सकते हैं व ब्रश कर

सकते हैं। रोगी और बहुत ही नाजुक प्रकृति के व्यक्ति एक साथ चार गिलास पानी नहीं पी सकें, उन्हें चाहिये कि वे पहले एक या दो गिलास से शुरू करें और बाद में हो सकता धीरे-धीरे एक-एक गिलास बढ़ाकर चार गिलास पर आ जाएं।

प्रथम एक या दो गिलास पानी से उनके स्वास्थ्य पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता। हां, प्रारंभ के तीन-चार दिन तक पानी पीने के बाद एक घंटे में तीन-चार बार मूत्र है और कुछ व्यक्तियों को पतले दस्त भी आ सकते हैं। लेकिन तीन चार दिनों बाद मूत्र नियमित होकर धीरे-धीरे सभी कुछ सामान्य हो जाएगा।

जो लोग जोड़ों के दर्द एवं वात रोग से पीड़ित हैं, उन्हें यह प्रयोग पहले सप्ताह तक दिन में तीन बार करना चाहिये और फिर एक सप्ताह के बाद दिन में एक बार करना पर्याप्त है। भोजन करने के दो घंटे बाद जल चिकित्सा पद्धति से पानी पिया जा सकता है।

 

रोगों से बचने के लिए इन चीज़ों से परहेज़ ज़रूर करें

ADVERTISEMENT


उपरोक्त पानी का प्रयोग रोगी और स्वस्थ दोनों ही लाभ के साथ कर सकते हैं परन्तु इस प्रयोग को करने वालों के लिए कुछ हिदायतों का पालन जरूरी है- (1) ठंडे पेय, मैदे और बेसन की बनी चीजें, तले हुए खाद्य पदार्थ, तेज मिर्च-मसालों और मिठाइयों से परहेज किया जाए और यथासंभव फल और हरी सब्जियों पर जोर दिया जाए। (2) चाय, काफी, चाकलेट, आइसक्रीम आदि की मनाही की गई है। (3)

यह वात खासतौर से कही गई है कि इलाज के दौरान सिगरेट, बीड़ी, शराब आदि नशीली चीजों से दूर रहें। (4) चार गिलास पानी सुबह ही पीना है। उसके बाद दिन में जब भी प्यास लगे तभी पानी पियें। (5) रात्रि सोने से पहले कुछ भी नहीं खाना चाहिये, खासकर सेव तो बिल्कुल नहीं। (6) पानी यदि अशुद्ध हो तो उसे रात में उबाल – छानकर रख लेना चाहिये और प्रातः निथरा हुआ पानी इस्तेमाल करना चाहिये।

पानी शुद्ध पियो

अनुभव और परीक्षणों से यह निष्कर्ष निकलता है कि इस प्रयोग से विभिन्न बीमारियां गिनती के दिनों में ही दूर हो सकती हैं। जैसे उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) और मधुमेह (डायबीटिज) – एक मास में, पाचन-क्रिया और पेट के रोग जैसे गैस, कब्ज आदि दस दिन में कैंसर के रोगियों को छः मास और फेफड़ों की टी० बी० में तीन मास में लाभ हो सकता है। रोग मुक्ति के बाद भी इस प्रयोग को जारी

रखा जा सकता है।

‘इंडियन हेल्थ एसोसिएशन’ के अनुसार यह विज्ञान पर आधारित पद्धति है।

इतना पानी एक साथ पीने से आंत स्वच्छ व क्रियाशील बनती है और नया ताजा खून

बनाने में सहायता करती है। 24 घंटे का जहर शरीर से निकल जाता है। पेट साफ

रहता है। कब्ज से छुटकारा मिल जाता है। पेट साफ होने से कई बीमारियां पैदा

नहीं होतीं । अधिक जानकारी के लिए Rahmani Ayurveda चैनल पर जाएँ

ASO TITRE 100% DESTROYED IN HERBAL Medicine

ASO Titer Ayurveda Medicine,ASO titer herbal medicine,aso titer ayurveda treatment, liver treatment,liver medicine,liver ayurveda medicine,liver upchar,liver care,kidney stone treatment,kidney stone upchar,kidney stone ayurvedic ilaj,kidney stone,ayurveda treatment,piles upchar,desi treatment, piles ayurveda cure,piles treatment,my medicine,aso titer 100% ayurvedic medicine,aso titer desi upchar, aso titer ayurveda and herbal treatment,aso titer cure medicine

ASO TITRE 100% DESTROYED

ASO TITRE it’s means एंटी-स्ट्रेप्टोलिसिन ओ Titer टेस्‍ट एक ब्‍लड टेस्‍ट है, जिसमें स्‍ट्रेप्‍टोलिसिन ओ के खिलाफ एंटीबॉडी के स्‍तर की जांच की जाती है। ये एंजाइम ग्रुप ए स्‍ट्रेप्‍टोकोक्‍कस बैक्टीरिया के द्वारा बनाया जाता है। एंटीबॉडी प्रोटीन ऐसे यौगिक होते हैं जो किस्म को बाहरी नुकसानदायक चीजों एवं तत्‍वों जैसे कि बैक्‍टीरिया से हिफाज़त करते हैं। ये शरीर में अनचाहे तत्‍वों को प्रवेश करने से रोकने में मदद करते हैं।ASO TITER DESTROYED WITH AYURVEDA

ASO Titer के लक्षण क्या है ?

दोस्तों अगर हम बात करें ASO Titer के लक्षण के बारे में तो शुरुवाती दौर में ASO Titer की वजह से आप के बॉडी के जॉइंट में पैन हो सकता है जियादा तर ASO Titer में लोगों के शारीर के back में पैन होता है और कभी कभी चेस्ट में भी दर्द रहता है इस के अलावाह किसी के पैरों के जॉइंट में तो किसी इन्सान के हाथ के कलाई में तो किसी के पुरे शारीर में कभी कभी यह दर्द पुरे शारीर में तो कभी कमजोरी भी महसूस होता है इस के अलावाह कभी सर में भी दर्द होता है  ASO Titer Medicine यहाँ क्लिक करें  Order NOW 

ASO Titer टेस्‍ट क्यों किया जाता है?ASO Titer टेस्‍ट ख़ास तौर पर स्ट्रेप्टोलिसिन ओ के खिलाफ बनने वाले एंटीबॉडी के स्तर की जांच कर स्ट्रेप्टोकोक्कस संक्रमण का मालूम करने के लिए किया जाता है। स्ट्रेप्टोकोक्कस संक्रमण को एंटीबायोटिक्‍स (बैक्‍टीरिया पैदा करने वाले संक्रमण को मारने वाले) की मदद करने में आसानी को कंट्रोल किया जा सकता है। इससेभी मामले सामने आ सकते हैं, जिसमें लक्षण नजर न आने की वजह से इलाज देर से शुरू हुआ हो और स्ट्रेप्टोकोक्कल संक्रमण होने के बाद परेशानी बढ़ गई हों।

स्ट्रेप्टोकोक्कल के बाद बैक्‍टीरियल एंडोकार्डिटिस, ग्लोमेरूलोनेफ्राइटिस और रूमेटिक फीवर जैसे अलामत सामने आने पर ASO Titer टेस्‍ट करवाने की मशवरा दी जाती है।
स्ट्रेप्टोकोक्कस संक्रमण के बाद एंटीबॉडी शरीर में 3या 8 सप्ताह तक सबसे ज्‍यादा रहते हैं और कुछ महीनों तक बने रहते हैं।

एंटी स्ट्रेप्टोलिसिन ओ, टेस्‍ट से पहले की क्या तैयारी होती हैं?
टेस्‍ट से पहले तैयारी के लिए डॉक्‍टर आपको कुछ हिदायत दे सकते हैं। टेस्‍ट से पहले 6 घंटे तक भूखे रहने के लिए कहा जा सकता है।

ASO Titer Ayurveda Medicine,ASO titer herbal medicine,aso titer ayurveda treatment, liver treatment,liver medicine,liver ayurveda medicine,liver upchar,liver care,kidney stone treatment,kidney stone upchar,kidney stone ayurvedic ilaj,kidney stone,ayurveda treatment,piles upchar,desi treatment, piles ayurveda cure,piles treatment,my medicine,aso titer 100% ayurvedic medicine,aso titer desi upchar, aso titer ayurveda and herbal treatment,aso titer cure medicine

टेस्‍ट से पहले कुछ दवाओं का खाने के लिए भी कहा जा सकता है। हालांकि, डॉक्‍टर से पूछे बिना आपको किसी दवा को लेना बंद नहीं करना है। टेस्‍ट से पहले एंटीबायोटिक लेना टेस्‍ट के रिजल्‍ट को काफी असर करता है, इसलिए डॉक्‍टर से हुक्म किए बिना टेस्‍ट से पहले इनका सेवन ना करें।

एंटी-स्ट्रेप्टोलिसिन ओ टेस्‍ट कैसे किया जाता है? जानें _
खून के नस को रोकने के लिए आपके हाथ के ऊपरी हिस्‍से पर पलास्टिक बैंड बांधते हैं। इससे ब्‍लड लेने के लिए नस की पहचान आसानी से हो जाती है।

ब्‍लड लेने वाली सुईं को अच्‍छी तरह से साफ कर लें, ताकि इंफेक्‍शन का खतरा ना रहे।
अब नस में सुईं लगाई जाती है। कभी एक या एक से ज्‍यादा बार सुई लगाई जाती है।
ब्‍लड लेने के लिए सुईं से एक ट्यूब से जुड़ी होती है और खून लेने के बाद बैंड को हाथ से निकाल दिया जाता है।
सुईं को हटाते ही रुई को उस जगह पर लगाया जाता है। ब्‍लीडिंग को रोकने के लिए रुई को हल्‍का सा दबाया जाता है।
इसके बाद बैंडेज दिया जाता है।
बैंड बंधे होने पर हाथ में थोड़ा टाइट महसूस हो सकता है। सुईं से कुछ लोगों को ज्‍यादा दर्द महसूस होता है तो किसी को कम।

इस टेस्‍ट का न के बराबर नुकसान है। खून निकालते समय थोड़ा दर्द भी हो सकता है। इसके अलावा कई अन्य की परेशानी आ सकती हैं।

ASO Titer सैंपल निकालने में परेशानी क्या होती हैं ?

खून निकालने वाली जगह से ज्‍यादा ब्‍लीडिंग होना,बेहोशी ,
हेमटोमा (चमड़ा के अंदर खून का जम जाना)
सुई लगाने वाली जगह पर संक्रमण,
हालांकि, उस समय सभी परेशानियों को सही निदान से कम किया जा सकता है।
एंटी-स्ट्रेकप्टो‍लिसिन ओ ,टेस्ट के नतीजा का क्या मतलब होता है?
नॉर्मल परिणाम,नेगेटिव रिजल्‍ट का मतलब है कि आदमी को स्ट्रेप्टोकोक्कस संक्रमण नहीं है। हालांकि, दो सप्‍ताह के बाद टेस्‍ट दोबारा किया जा सकता है। हर लैब की टेस्‍ट अलग होने की वजह से नॉर्मल वैल्‍यू में थोड़ा फ़र्क हो सकता है। नतीजे और उसके साफ़ मतलब के बारे में डॉक्‍टर से बात करें।

ASO titer gharelu  Upchar

एंटीबॉडी टिटर के बढ़ने का मतलब है कि आदमी को हाल ही में स्ट्रेप्टोकोक्कस संक्रमण हुआ है, कोई अलामत नजर ना आने पर भी आदमी को स्ट्रेप्टोकोक्कस संक्रमण हो सकता है।
संक्रमण होने वाली परेशानियों का अंदाजा इस टेस्‍ट से नहीं लगाया जाता है और इस टेस्‍ट से इंफेक्‍शन की शिद्दत का भी पता नहीं लगाया जाता है। हालांकि, ये स्ट्रेप्टोकोक्कस संक्रमण से होने वाली दिक्‍कतों की जांच की करने में मदद कर सकता है।

ASO Titer curable Ayurveda Treatment

 

दोस्तों आप सब की जानकारी के लिए बता दूँ की ASO Titer का अभी तक एलोपैथिक में कोई सफल इलाज नहीं है वह कहावत कहते है न की Old is Gold आपको बता दूँ की ASO Titer का अब तक डॉक्टरों ने कोई सफल इलाज नहीं बताया है मेडिकल साइंस का कहना है की ASO Titer एक वायरल वायरस है और इसका अभी तक कोई दावा तो नहीं है पर हम इसपर लगातार काम कर रहे है आप सब को बता दूँ की आज के समय में किसी को भी ASO Titer है

तो डॉक्टर आप को कुछ मालती विटामिन के साथ पेंसिलिन या painidure  जैसी दावा का इस्तेमाल करने की सलाह देते है पर यह दोनों दावा अगर आप सालों साल खाते है फिर भी क्योर नहीं होता है लेकिन वही बात करें आयुर्वेदा की तो इसका कई जगह में सफल इलाज किया जाता है इन्ही में से एक है रहमानी आयुर्वेदा जो फुल गारंटी से इसका इलाज करता है वह भी सिर्फ 6 months में 100 % Negative करता है

100% ASO Titer Cure Ayurveda Medicine No any Side Effects  Order NOW 

HIV 100% DESTROYED IN HERBAL

HIV Cure in India let’s know today in this post 

आज की इस पोस्ट में हम बात करने वाले है HIV के कुछ खास Report और HIV से जुड़ी कुछ अहम चीजों के बारे में सबसे पहले हम जानेंगे की

(1)HIV कैसे होती है या किन कारणों से हो सकती है और उसका लक्षण क्या है|

जितने आसन शब्दों में आज आप सब को HIV के बारे में बताने वाला हूं मुझे नहीं लगता है की इतने आसन शब्दों में किसी ने आप को HIV के बारे में इससे पहले बताया होगा HIV से जुड़ी जो भी जानकारी आप सब को यहाँ पर मिलेगा हमारा दावा है की किसी और वेबसाइट पर यह जानकारी नहीं मिलने वाला है आजी के इस पोस्ट में HIV से जुड़े उन चीजों के बारे में बताएँगे जो इससे पहले आप को पता नहीं होगा

 

Basically आज हम बात करेंगे HIV से जुड़े कुछ रिपोर्ट और कुछ सवालों को लेकर तो आइये जानते है

(2) HIV  Viral Load Detectable Level को लेकर |

(3) HIV  Viral Load Undetectable Level |

(4) Viral Load क्या होता है और इस से हमें क्या पता चलता है |

(5) Western Blot Band क्या है |

(6) क्या Negative इन्सान का Viral Load आ सकता है या नहीं  |

(7) Negative और Positive वाली रिपोर्ट में Negative आया पर Viral Load 60000 लाख है इसे क्या माना           जायेगा Negative या Positive |

(8) CD4 क्या है और कैसे काम करता है और नार्मल इन्सान का CD4 कितना होना कहिये |

(9) HIV का सरल उपचार क्या है और कितना टाइम लगता है |

(10) HIV का इलाज इंडिया में है या ही यदि है तो कितना टाइम लगेगा Negative होने में

(11) HIV उपचार के दौरान किन किन चीजों से परहेज़ करना होगा

 

1.1 HIV कैसे होती है या किन कारणों से हो सकती है 

ADVERTISEMENT


दोस्तों अगर हम बात करें की HIV कैसे होती है या किन कारणों से होती है तो कई ऐसे कारण है जिसके वजह से आप को HIV की बीमारी हो सकती है अगर हम सरे कारणों को यहाँ पर बताएँगे तो पोस्ट काफी लम्बी हो जायगी और दूसरी चीजों पर हम बात नहीं कर पाएंगे इसी लिए यहाँ पर हम आप सब को वही बताएँगे जो आप सब के लिए ज़रोरी है जिससे आप को बचना चाहिए ताकि HIV जैसे घातक बीमारी से सुरकक्षित रहें HIV होने की कारणों में से एक है uncarefully sex जी है दोस्तों अगर आप unsafely संबध बनाते है और आपके Partner को HIV की बीमारी है तो आप भी उसके चपेट में आ जायेंगे   अधिकजानकारी के लिए क्लिक करें  RahmaniAyurveda

1.2 दूसरा आप जब भी किसी ठाकुर के पास शेविंग कराने जाते है तो हमेशा इस बात पर धियान दें की कोई Use किया हुवा  shaving blade का इस्तेमाल न करने दें हमेशा न्यू blade का इस्तेमाल करने बोलें वैसे तो यह चीजें अभी बहुत कम होता है पर आज से 10 साल पहले पैसा बचाने के लिए एक ही blade से 3-4 shaving करते थे यह बात हम सब जानते है और यह जियादा तर गाँव देहात में ही होता था इससे होता यह था की दुसरे आदमी का फुड़ा फुलसी कट जाता था जिससे blade पर खून लग जाता था फिर वही खून आपके shaving करते समय आपके खून से तच हो गया तो भी आप HIV के शिकार हो सकते है

1.3 दोस्तों इस लिस्ट में तीसरे नंबर है है आई वी संकर्मित सिरिंज का इतेमाल करना दोस्तों यदि आप गाँव या देहात से है तो आप को याद ही होगा की पहले के झोला छाप डॉक्टर एक ही सिरिंज से कई लोगों को इंजेक्शन देते थे और यह अभी भी कही कही होता है कारण है डॉक्टर का सुस्त होना या उस समय सिरिंज का ख़त्म हो जाना और उसी समय patient का आ जाना ऐसे में patient थोड़ा सिरियस हो तो डॉक्टर आनन फानन में उसी सिरिंज से इंजेक्शन दे देते है इससे भी बचना बहुत ज़रूरी है नहीं तो आप HIV संक्रमित हो सकते है

 

1.4 इस लिस्ट में नंबर 4 पर है डोनेट किया हुवा ब्लड का आनन फानन में बगैर जाँच किये अपने शारीर में चड़ा लेना दोस्तों यह वक्त तब आता है जब आपके शारीर में ब्लड ख़त्म हो जाता है ऐसे में आपको ब्लड की ज़रूरत पड़ती है ऐसे में इन्सान को उस वक्त बचाना बहुत ज़रूरी होता है और इस चककर में किसी जान पहचान वाले का ब्लड ग्रुप मिल गया तो चड़ा देते है इस कारण भी आप को HIV हो सकता है  Report के लिए यहाँ पर क्लिक करें Negative+Positive

1.5 इस लिस्ट में नंबर 5 पर है HIV संक्रमित माँ से बच्चे को जन्म देना दोस्तों यदि माँ को HIV की बीमारी है और ऐसे में बच्चे को जन्म देती है तो उस बच्चे को HIV हो सकती है

1.6 इस लिस्ट में नंबर 6 पर है बॉडी का खुद से HIV के वायरस को जन्म देना जी हा दोस्तों हमरे शारीर में पहले से हर बीमारी होती है पर वह लेवल में रहने के कारण हमें Negative कहा जाता है लेकिन जब यही बीमारी लेवल से बढ़ जाता है तो Positive कहा जाता है जैसे की शुगर की बीमारी या ASO Titer या भुखार जैसे कई ऐसे बीमारी है

 

1.2 अब आइये दोस्तों बात कर लेते है HIV के लक्षण के बारे में

ADVERTISEMENT


दोस्तों HIV के लक्षणों में से कुछ लक्षण का हम यहाँ पर ज़िक्र करेंगे दोस्तों अगर आप को 1.हमेशा बुखार रहता है बुखार जाने का नाम नहीं ले रहा है तो एक बार HIV का टेस्ट करा लेना चाहिए 2. सर में हमेशा दर्द रहना 3. रात में नींद नहीं आना 4. हमेशा पेट में कोई न कोई दिक्कत रहना 5.लूज़ मोशन होना 6.हमेशा गले में खरास रहना 7. ज़बान में अल्सर हो जाना या घाव हो जाना 8.पुरे शारीर पर फोड़े फुलसी का होना 9.लिंक पर घाव या दाना निकल आना 10.भूख न लगना 11.सुस्ती का अहसास होना 12.बहुत जियादा थकान होना 13.काम करने का मन नहीं करना 14.जॉइंट पैन होना 15.पैर हाथ के उँगलियों से कट कट की आवाज़ आना 16.अचानक वेट बढ़ जाना या घट जाना 17.बॉडी में हर जगह रैशेज होना

2.अब आइये दोस्तों बात कर लेते है HIV  Viral Load Detectable Level को लेकर

दोस्तों HIV Viral Load Detectable Level का मतलब होता है रिपोर्ट ने आप के अंदर वायरस पाया है और यह वायरस का मात्रा कम भी हो सकता है और जियादा भी हो सकता है इस तस्वीर से वायरस को देखा जा सकता है

3.HIV  Viral Load Undetectable Level

HIV  Viral Load Undetectable Level का मतलब है Viral Load की रिपोर्ट में वायरस को टारगेट नहीं कर पा रहा है की आप के बॉडी में वायरस कितना है पर इसका मतलब यह बिलकुल भी नहीं के वायरस आपके बॉडी में नहीं है बॉडी में हो सकता है पर टारगेट में नहीं है उपर की फोटो में देखा जा सकता है

4.Viral Load क्या होता है और इस से हमें क्या पता चलता है |

दोस्तों नंबर 4 पर है वायरल लोड क्या होता है और हमें इससे किस चीज़ का पता चलता है आप सबकी जानकारी के लिए बता दूँ की वायरल लोड की रिपोर्ट तब की जाती है जब Negative और Positive वाली रिपोर्ट निकली जाती है और उसमें Positive पाया जाता है तब वायरस की मात्रा को चेक करने के लिए वायरल लोड की रिपोर्ट की जाती है

5.Western Blot Band क्या है | 

 

दोस्तों नंबर 5 पर आता है Western Blot Band इस रिपोर्ट से हमारे HIV के band के बारे में पता लगाया जाता है की हमारे band Negative है या Positive और यह रिपोर्ट किसी भी वक्त की जा सकती है आपके band को चेक करने के लिए

6.क्या Negative इन्सान का Viral Load आ सकता है या नहीं  |

ADVERTISEMENT


दोस्तों नंबर 6 पर हमारे पास एक सवाल आया है की Negative इन्सान का वायरल लोड आ सकता है या नहीं तो आप सबकी जानकारी के लिए बता दू की किसी भी Negative इन्सान का वायरल लोड कभी भी नहीं आ सकता है यदि उनका वायरल लोड detect होता है तो वह फिर Negative नहीं Positive माना जायेगा

7.Negative और Positive वाली रिपोर्ट में Negative आया पर Viral Load 60000 लाख है इसे क्या माना जायेगा Negative या Positive |

सवालों के लिस्ट में एक और सवाल है की Negative और Positive वाली रिपोर्ट में Negative आया पर Viral Load 60000 लाख है इसे क्या माना जायेगा Negative या Positive जी अगर ऐसा कभी भी हुवा तो सबसे पहले एक रिपोर्ट को false माना जायेगा और इसकी confirmation के लिए आपको western blot की तरफ जाना होगा और band को चेक करना पड़ेगा

8.CD4 क्या है और कैसे काम करता है और नार्मल इन्सान का CD4 कितना होना कहिये |

दोस्तों CD4 की जाँच हमारे इम्यून system को पता करने के लिए की जाती है दोस्तों अब यह immune system क्या होता है बताते चले की Immune System हमारे बॉडी के वह सेल है जो किसी भी तरह के बीमारी को रोकता है अगर आसन भाषा में बात करें तो Immune System हमारे बॉडी का सुरक्षा कवच है जो बीमारी से डायरेक्ट लड़ता है आपने यह कई बार देखा हिगा की कोई इंसान बार बार बीमार ही रहता है उसका कारण है Immune System का कमज़ोर हो जाना इस लिए अगर आप को HIV है और आपका इम्यून सिस्टम सेल 400 के उपर है तो जियादा घबराने वाली बात नहीं है इसका मतलब आपको दूसरी बीमारी का खतरा कम है और अगर 400 से निचे है तो आपको एड्स भी पकड़ सकता है

9.HIV का सरल उपचार क्या है और कितना टाइम लगता है | 

दोस्तों HIV के सरल उपचार के लिए YouTube में पहली बार step by step सब कुछ बताया गया है इससे पहले आज तक किसी ने इनता openly नहीं बताया होगा इस video को देखने के बाद किसी भी जगह जाने की ज़रुरत नहीं होगी आपको HIV से रिलेटेड यहाँ सब कुछ मिल जायेगा video देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

10.HIV का इलाज इंडिया में है या ही यदि है तो कितना टाइम लगेगा Negative होने में

11.HIV उपचार के दौरान किन किन चीजों से परहेज़ करना होगा

दोस्तों HIV के उपचार के दौरान जिन जिन चीजों से परहेज़ करना है इस के बारे में जानने के लिए उपर के video को देख सकते है यदि आप को उस video में परहेज़ समझ में नहीं आ रहा है तो आप comment कर सकते है HIV के परहेज़ पर अलग से एक video बना दूंगा

Medicine Order करने के लिए यहाँ पर क्लिक करें  Curable Medicine 

एड़ियों के फटने से आप भी है परेशान तो फ़ौरन अपनाएं यह ट्रिक

एड़ियों पैर फटने का कारण

एड़िया क्यों फटती हैं,इसे ठीक करने के घरेलू नुस्खे

फटी हुई एड़ियां पैरों की एक आम बीमारी है। अधिकतर लोग एड़िया फटने की परेशानी को सख्ती से नहीं लेते। पर क्या आप जानते हैं कि फटी एड़ियों को अगर लंबे समय तक छोड़ किया जाए तो इस के ज़रिए से एड़ियों में दर्द, सूजन,

और खून निकलने जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है । यदि आप भी फटी एड़ी की शिकायत से परेशान हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ आसान और असरदार घरेलू नुस्खे जिसे आप अपनाकर फटी एड़ियों की शिकायत को आप आसानी से ख़त्म कर सकते हैं। यहां से जान सकते हैं कि फटी एड़िया कैसे सही करें और एड़िया फटने का क्या वजह है ?

एड़ियों के फटने से है परेशान तो अपनाएं यह घरेलू उपचार

इसके अलावा गलत तरीके के फुटवियर पहनने या फिर टाइट या हाई हील्स वाले फुटवेयर पहनने से भी फटी एड़ियों की शिकायत होती है।”एलोवेरा जेल” कमरे के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है ये तो हम सभी जानते हैं।

जिस तरह एलोवेरा जेल कमरे को पोष देता है ठीक उसी तरह एड़ियों की दरारों को जल्द भरने में भी मदद करता है। आप एड़ियों की फटने से परेशान हैं तो रात को सोने से पहले पैरों को अच्छी तरह पानी से साफ करें।

फिर इस पर एलोवेरा जेल मालिश करें। आप रात को पतले मोज़े पहन कर सो सकते हैं तो ये और भी जल्दी ठीक होगा।
एलोवेरा जेल के अलावा पेट्रोलियम जेली से भी एड़ियों की फटनों को भर सकती हैं । इसके लिए आपको एड़ियों पर पेट्रोलियम जेली की पतली सी पलती लगानी होगी ।एड़ियों  फटने का कारण

इसे लगा कर रात भर के लिए छोड़ दें अगले दिन आपको फर्क महसूस हो जाएगा । पक्का केला आपकी फटी एड़ियों की परेशानी से निजात दिला सकता है । इसके लिए एक पक्का केला लेकर उसे मसल करें और फिर फटी हुई एड़ियों पर लगाएं । केले को पन्द्रह मिनट तक सूखने दें और फिर पानी से धो लें।

दूध और शहद से भी कमरे के लिए बहुत अच्छा माना जाता है । ऐसे में फटी एड़ियों के लिए ये भी किसी अच्छे इलाज से कम नहीं है। इसके लिए दूध और शहद को मिलाकर एक अच्छा सा पेस्ट बना सकते हैं। और फटी एड़ियों पर लगाएं।

थोड़ी देर इसे सूखने दें और फिर ठंडे पानी से धो लें । दूध और शहद से पैरों को काफी ज्यादा पोष मिलता है।
चावल का आटा आपके फटी एड़ियों की परेशानी से नजात दिला सकता है । इसके लिए चावल के आटे को शहद में मिला ले ।

इस पेस्ट को एड़ियों पर लगाएं और थोड़ी देर सूखने दिया करें एक तरफ जहां शहद से चमड़े को नरमी मिलेगी तो वहीं चावल के आटे से खुरदुरापन से दूर होगा। नारियल तेल कई परेशानी की एक दवा है । इस हालत में पैरों को अच्छी तरह से साफ करें और नारियल तेल लगा लें ।

अगर एड़ियों से खून आने की शिकायत हो रही है तो नारियल का तेल काफी ज्यादा फायदेमंद रहेगा।

एड़ियों को नमक के पानी से सफाई करें।

एड़ी को फटने से बचाने के लिए उसकी सफाई करना बहुत जरूरी है। ऐसे में नमक का पानी एड़ी साफ करने के लिए बेहतर तरीका है। हफ्ते में लगभग दो या तीन बार सफाई करनी चाहिए। कोशिश यह करें कि पानी में सोडा नमक का इस्तेमाल करें। सही से पैर साफ करने के बाद नारियल का तेल लगाएं।

एड़ियों गुलाब जल से साफ करें

सर्दियों के मौसम में एड़ियों को फटने से बचाने के लिए ग्लिसरीन और गुलाब जल आपके बहुत काम आ सकता है। इसके लिए बस आपको रात में अपने पैरों पर लगाना है। आप चाहें तो इसे एक शीशी में बनाकर भी रख सकते हैं। ख़ास ध्यान रहे कि गुलाब जल और ग्लिसरीन की मात्रा बराबर हो। हो सके तो इसमें आधा नीबू भी नहीं निचोड़ लें। ताके सही हो।