क्या आप (एएसओ) टिटर की बीमारी से परेशान है इलाज करा के थक चुके हो ठीक नहीं हो रहा है तो आप सही जगह पर आये है यहाँ पर हम आप को (एएसओ) टिटर के बारे पूरी जानकारी देंगे और आप को बताएँगे की एएसओ टिटर क्यों होता है
कैसे होता है |और यह बीमारी आप के लिए कितना खतरनाक है और आज यानि की 2024 में इस बीमारी से कितने लोग परेशान है और यह बीमारी कितनी तेज़ी से बढ़ रहा है कैसे इस बीमारी को रोका जा सकता है सबसे बड़ी बात यह है की
इस बीमारी का आब तक कोई इलाज क्यों नहीं है या इलाज है पर हमें पता नहीं है इतनी बड़ी बड़ी बिमारियों को ठीक करने वाले डॉक्टर आज क्यों इस बीमारी को ठीक करने में बेबस है क्या यह बीमारी सच में थीक नहीं हो सकती है क्या इसकी कोई दवाई सच में नहीं है
कब तक इस बीमारी की दवाई आएगी क्या है इस बीमारी की हकीकत क्यों नहीं बना पा रही है कोई भी इस बीमारी की दवाई इस बीमारी की पहचान क्या है कैसे पता करे की हम को एएसओ टिटर हुआ है इस बीमारी का पूरा नाम क्या है
वही हम बात करेंगे आयुर्वेदा और हर्बल मेडिसिन की क्या हर्बल या आयुर्वेदा में इसका कोई इलाज है या नहीं है और यह भी जानेगे की इस बीमारी को जड़ से ठीक करने के लिए कितना दिन तक दवा खाना पड़ता है क्या कोई आब तक इस बीमारी में ठीक भी हुआ की नहीं
कैसे होगा ASO Titer ठीक क्या है उपचार
क्यों की आयुर्वेदा और हर्बल का दावा है की इस बीमारी को जड़ से ठीककिया जा सकता है जब बात आयुर्वेदा हर्बल और अल्लोपेथिक की हो तो आयुर्वेद का कहना है की आयुर्वेद से पुरानी अल्लोपेथिक नहीं है आयुर्वेद का कहना है
की जब लोग अल्लोपेथिक दवाइयां खा खा कर थक जाते है और ठीक नहीं होता है तब लोग आयुर्वेद में आते है क्यों की यह 5000 साल पुरानी दवा है जब दुनिया में अल्लोपेथिक मेडिसिन का नाम और निशान नहीं था तब यही दवाई थी लोग इसी से थीक होते थे Abhishek Rana Naegative
आयुर्वेद का कहना है इश्वर ने कुदरती तौर पर पेड़ पौधा को हमारे लिए ही धरती पर बनाया है ताकि जब भी हम बीमार पड़े तो इन्ही पेड़ पौधा का इस्तेमाल कर खुद को ठीक कर सकते है लेकिन आज लोग इस से बहुत दूर है क्यों की आज
प्रचार के जरये अल्लोपेथिक मेडिसिन लोगों को अपने ओर बुलाने में कामयाबी हासिल कर लिया है क्यों की आज के पढ़े लिखे लोगों को यह बात अच्छे से पता है की अगर किसी इंसान को पूरी तरह से अपने कब्ज़े में लेना है तो उसकी बॉडी को कब्जाने की ज़रूरत नहीं है
बल्कि उसके माइंड यानि की दिमाग को कब्ज़े में लेना है बॉडी खुद ही आ जायेगा और आज हमारे साथ वही हो रहा है प्रचार के जरये से अल्लोपेथिक मेडिसिन वाले हमारे दिमाग पर हावी हो गया है वरना इन पढ़े लिखे लोगों को सवाल कीजये की आज से 300 पहले लोग
ASO Titer का आयुर्वेदिक इलाज और परहेज
बीमार पड़ते थे या नहीं आप के बाप दादा बीमार होते थे तो ठीक कैसे होते थे क्यों की उस समय तो आप नहीं थे डॉक्टर नहीं थे तो फिर ठीक कैसे होते थे इनके पास कोई जवाब नहीं है और हकीकत तो यह है की यह लोग खुद साइड इफ़ेक्ट के डर से बहुत से ऐसे डॉक्टर है जिसे मै जनता हु
जो 100 % रिजल्औट के कारण खुद आयुर्वेद और हर्बल मेडिसिन का इस्तेमाल करते है यही सच्चाई है खैर हम इस पर बात करने नहीं आये है हम को एएसओ टिटर पर बात करना है लेकिन बात से बात आई तो बताना पड़ा और यह ज़रूरी भी था
वरना हकीकत से आप वाकिफ कैसे होते इस लिए हम ने सारी बातें खुल कर रख दी चलये अब जान लेते है की एएसओ टिटर क्या होता है जी हाँ दोस्तों एएसओ टिटर को एंटीस्ट्रेप्टोलिसिन ओ भी कहा जाता है यह एक बक्टिरियल इन्फेक्शन है
- एंटीस्ट्रेप्टोलिसिन ओ एक बेक्टेरियल इन्फेक्शन है यह बात सबको पता है लेकिन यह इन्फेक्शन कहाँ होता है यह बहुत कम ही लोगों को पता होगा और वह यह है की यह गले में होता है इस लिए उसका का धियान ज़रूरी है जिस कारण गले में इन्इफेक्सशन हुआ है इस लिए पहले गले का इलाज करें
- दूसरी बात हमारी यह है की यह बीमारी कितनी खतरनाक है हमारे लिए| जी हाँ यह हमारे लिए मौत का भी कारण बन सकता है समय पर इलाज बहुत ज़रूरी है वरना इस बीमारी से आप की मौत भी हो सकती है
क्या है दवा लेने का सही तरीका और कहा मिलेगी दवा
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- पॉइंट 3 यह की आज यानि 2024 में यह बीमारी कितने लोगों को है और कितनी तेज़ी से बढ़ रहा है अगर 24 का डाटा देखें तो करीब इस बीमारी से 85 लाख लोग इस बीमार से पॉजिटिव है जसमे से 70 हज़ार लोग अब तक आयुर्जिवेदिक मेडिसिन से ठीक हो चुके है
- वही 55 लाख लोग करीब साल भर से अल्लोपेथिक दवा का इस्तेमाल कर रहे है पर अब तक पूरी तरह से कोई भी ठीक नहीं हुआ है सिर्फ कंट्रोल है वही बाकि के लोग डाइट पर अपने आप को कंट्रोल रखे है और हम हमेशा से इस बात को कहते हुए आयें है की डाइट पर धियान बहुत ही आवशक है क्यों की अक्सर बिमारियों इसी कारण ख़त्म नहीं होती है
- आप की जानकारी के लिए बता दें की जो अल्लोपेथिक दवाइयां इस बीमारी के लिए ले रहे है जैसे की पेंसिलिने और penidure injection ले रहे है उन में से अधिक तर लोगों को kidney की बीमारी हो रही है किसी की kidney काम करना बंद हो जा रहा है तो किसी का ख़राब हो जा रहा है इस लिए आप खुद ही सोचे की कितना सेफ है यह मेडिसिन
- दूसरी ओर जिन लोगों ने आयुर्वेदिक मेडिसिन का इस्तेमाल किया है वह पूरी तरह से ठीक हो चुके है लेकिन बात घूम फिर कर यहाँ पर आ जाती है की इतने काम लोग ही क्यों आयुर्वेद में इलाज किया है बाकि के लोग क्यों नहीं तो आप सब को बता दूँ की लोगों को जानकारी की कमी है और दूसरी बात लोगों को प्रचार के जरये अल्लोपेथिक के ओर खीच रहे है
- वरना जब लोग यह समझ जाएँ की आयुर्वेदिक और हर्बल दवा ही मात्रा एक ऐसी दवा है जिससे लोग ठीक हो सकते बिना किसी नुकसान के है और यह भी समझ जाए की हमे मार्किट के फालतू का सामान नहीं खाना है अपने खाने पिने पर धियान दे तो लोग बीमार ही नहीं पड़ेंगे
आज भी वैद और हकीमों के पास है बीमारी को ठीक करने का असली समाधान
- आप को बता दें की आज भी बहुत सरे वैद और हाकिम ऐसे है जिनको लोग नहीं जानते है क्यों की उन्हुने कभी प्रचार नहीं क्या पर लाखों लोगआज भी ठीक होते है जैसे की हमारे देश के जाने माने पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी महिंद्रा सिंह धोनी को जब पैर में दर्द था तब उनको एक साधा रन वैद ने ही ठीक किया है
पर वैद जी ने कोई प्रचार नहीं क्या वही अल्लोपेथिक की हर दवा की प्रचार आप को कही न कही मिल ही जायेगा लाखों के तादाद में MR घूमते है जिनकी लाखों रूपए सैलरी है सोचये यह कहा से देते है यह आप ही की दवा से MR को सैलरी मिलती है
- वही दुनिया परेशान थी की अगर बाल झाड़ जाए या बाल टूटने लगे या कहीं से बाल उड़ जाए तो क्या किया जाएँ से सालों से सभी अल्लोपेथिक के डॉक्टर आप को सलाह देते थे की हेयर ट्रांसप्लांट करवा लो जो की काफी पैनिक होता है और लाखों रूपए खर्च भी पड़ता है
- लेकिन 300 रूपए की आदिवासी हेयर आयल ने लाखों नहीं करोड़ों लोगों की नई उम्मीद जगा दी है जिसकी वजह से अब एक गरीब से गरीब इंसान भी अपने पुराने बाल को वापस ला सकता है और ठीक हो भी रहा है
- आयुर्वेद की कई कंपनी ने यह बात कहा है की इस बीमारी के लिए लोगों को इधर उधर भटकने की ज़रूरत नहीं है आयुर्वेद में इसकी complete इलाज है इस लिए लोगों को आयुर्वेद की तरफ आना चाहिए मात्रा आयुर्वेद और हर्बल ही एक ऐसी दवा है जो जड़ से इस बीमारी को ठीक कर सकता है अधिक जानकारी के लिए आयुर्वेद चिकित्सा से संपर्क करें
अंत में एक बात ज़रूर कहूँगा की हमारे द्वरा दी गई जानकारी आप को कैसी लगी आप ज़रूर बताएं