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पीलिया ने कर रखा है परेशान तो जल्दी दे करें यह काम 2 होगा ख़त्म

पीलिया का देसी उपचार

पीलिया का सबसे आसान आयुर्वेदिक उपचार 

पीलिया को अंग्रेजी में “Jaundice“कहते हैं। इस बीमारी में खून में बिला बीन के बढ़ जाने से चमड़ा, नाखून और आंखों का सफेद भाग पीला नजर आता है। पीलिया से लेस मरीज का वक्त पर इलाज न हो तो रोगी को बहुत ज़्यादा परेशानी झेलना पड़ता है।पीलिया का देसी इलाज

यह एक आम तौर से दिखने वाला गंभीर बीमारी हैं। इस रोग में लिवर कमजोर होकर काम करना बंद कर देता है। आम तौर से पीलिया होने पर लोग घबराने लगते हैं और पीलिया का इलाज करने के लिए एलोपैथिक के साथ साथ कई तरह के कोशिश करने लगते हैं। क्या आप को मालूम होना चाहिए कि आप पीलिया का घरेलू उपाय भी कर सकते हैं।

आयुर्वेद में पीलिया का उपाय करने के लिए कई रास्ते बताए गए हैं। आएं मालूम करते हैं।

पीलिया क्या है?
पीलिया तब होता है, जब जिस्म में बिलीरुबिन नामक चीज़ बहुत ज़्यादा हो जाता है। बिलीरुबिन की ज़्यादा मात्रा होने से लिवर पर बुरा असर पड़ता है, और इससे लिवर के काम करने की कूवत कमजोर होजती जाती हैं। बिलीरुबिन धीरे धीरे पूरे जिस्म में फैलना शुरू जाता हैं जिससे इंसान को पीलिया रोग हो जाता है।

पीलिया होने के वजह।
बिली रुबीन पीले रंग का चीज़ होता है। ये कोशिकाओं में पाया जाता है। जब ये कोशिकाएं मौत हो जाती हैं तो लिवर इनको फिल्टर कर देता है। जब लिवर में कुछ परेशानी होने के चलते यह काम ठीक से नहीं हो पाती तो बिलीरुबीन ज़्यादा बढ़ने लगता है।

इसी के चलते चमड़ा पीला नजर आने लगती है। लिवर में गड़बड़ी के वजह, बिलीरुबिन जिस्म से बाहर नहीं निकलता है, और इससे पीलिया हो जाता है।अलावा इसके नीचे दिए जा रहे वजह से भी पीलिया हो सकता है।

पीलिया होने पर ये निशानी हो सकते हैं ।पीलिया का देसी इलाज चमड़ा, नाखून और आंख का सफेद हिस्सा जल्दी से पीला होने लगता है। फ्लू जैसे अलामत दिखाई देना, इसमें मतली आना, पेट दर्द, भूख ना लगना और खाना न हजम होना जैसे निशानी भी दिखाई देते हैं।

लिवर की बीमारियों की तरह इसमें मतली आना, पेट दर्द, भूख न लगना और खाना न हजम होना जैसे अलामत भी दिखाई देते हैं। वजन घटना,गाढ़ा पीला पेशाब होना ,लगातार थकान महसूस करना,भूख नहीं लगना,पेट में दर्द होना,बुखार बना रहना,हाथों में खुजली चलना,

इन लोगों को पीलिया हो सकता है।

पीलिया बच्चे से लेकर उमरदराज बुज़ुर्ग तक किसी भी तरह के लोगों को हो सकता है।
बच्चे को पीलिया का खतरा ज़्यादा होता है। जब बच्चा का जन्म होता है तो बच्चे के जिस्म के लाल रक्त कोशिकाओं की ज़्यादा होती है। जब ये लेबल टूटने लगते हैं तो बच्चे को पीलिया होने की संभावना बढ़ जाती है।

बच्चे में पीलिया की इब्तेदा सर से होती है, फिर चेहरा पीला पड़ जाता है। इसके बाद सीने और पेट में फैल जाता है। आख़िर में पैरों में फैलता है। बच्चों को अगर पीलिया से 14 दिन से ज्यादा वक्त तक सख़्त रहता है तो उसके नतीजा खातर नाक हो सकते हैं

 

पीलिया का घरेलू इलाज करने के लिए तरीके।

पीलिया का इलाज गन्ने के रस से करें।
गन्ने का रस पीलिया से बे मिसाल फ़ायदे होता हैं। अगर दिन में तीन से चार बार सिर्फ गन्ने का रस पिया जाए तो इससे बहुत ही ज़्यादा फ़ायदा होता हैं।

अगर बीमारी सत्तू खाकर गन्ने का रस खाते हैं तो हफ्ता भर में ही पीलिया ठीक हो जाता है गेहूं के दाने के बराबर सफेद चूना गन्ने के रस में मिलाकर पिया जाय तो भी जल्द से जल्द पीलिया दूर हो जाता है।

पीलिया का ईलाज हल्दी से करें।
हल्दी पीलिया रोग के ईलाज के लिए बहुत अच्छी होती हैं। पीलिया होने पर आप एक चम्मच हल्दी को आधे गिलास पानी में मिला लें। इसे हर दिन का मामूल में तीन बार पिएं। इससे जिस्म में मौजूद सभी परेशान कुण चीज़ें मर जाएंगे। यह नुस्खा बहुत मदद करता है। पीलिया के इलाज के लिए बहुत ही आसान नुस्खा हैं। जिससे जिस्म के खून की सफाई भी हो जाती हैं।

पीलिया के घरेलू ईलाज के लिए नारंगी का इस्तेमाल।पीलिया का देसी उपचारनारंगी मेदा को दुरुस्त करती है। यह पीलिया में भी बहुत ही मोआसिर साबित होती है। नारंगी के रस का पीने से बिलीरुबिन काहिस्सा कम होती है, और इससे लिवर की कमजोरी भी दूर होती है।

पीलिया के घरेलू इलाज के लिए टमाटर का इस्तेमाल करें।
टमाटर लाइकोपीन का फ़ायदा मंद है। सुबह खाली पेट टमाटर का रस लेने से लिवर ठीक होता है। टमाटर को नरम करने के लिए पानी में कुछ टमाटर उबालें। अच्छे से उबल जाने के बाद टमाटर की खाल को अगल से निकाल लें। टमाटर के अंदर के हिस्से को एक बर्तन में निकालें। इसे अच्छे तरीके से मिलाकर पी जाएं।

पीलिया में आपका खान पान कैसा होना चाहिए?
ऐसी कई आदतें होती है जो कि पीलिया जैसे बीमारी को पैदा करती हैं। इसलिए पीलिया होने पर आपका खान पान ऐसा होना चाहिए।

ताजा व अच्छा खाना ही खाना चाहिए।
खाना बनाने और खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिये। ज्यादा पानी पिएं , इससे लीवर में मैजूद टॉक्सिन्स बाहर निकलता है,और लीवर ठीक रहता है। पीने के लिये साफ और अच्छा पानी का ही इस्तेमाल करें।पीलिया का देसी इलाज फलों का रस पिएं नींबू, संतरे जैसे दीगर फलों के रस से कूवत मिलती है, और जिस्म भी अच्छा रहता है।
थोड़ा थोड़ा खाएं ,दिन में कई बार थोड़ा थोड़ा खाएं। इससे लीवर पर ज्यादा दवाब नहीं पड़ता है।

कमर दर्द से रहते हैं परेशान तो यह देसी नुस्खा है आपके लिए

कमर दर्द का देसी इलाज है यह

कमर दर्द से पाएं मिनटों में छुटकारा यह है नुस्खा  

कमर दर्द :आजकल के नौजवान कमर दर्द से परेशान रहते हैं। इनमें लड़के और लड़कियां दोनों ही शामिल हैं। हर किसी के पास इस कमर दर्द की वजह अलग हो सकती है। लेकिन जरूरत सभी की एक है कि कैसे जल्दी से जल्दी इस कमर दर्द से आजादी मिले।कमर दर्द का देसी इलाज है यह

कोरोना को देखते हुए अधिकतर लोग हॉस्पिटल्स जाने से डर रहे हैं। इस कारण जो ऐसी परेशानियां हैं, जिनके इलाज के लिए हम घरेलू या लाइफस्टाइल से जुड़े जुगाढ़ अपना सकते हैं, उन्हीं से अपना इलाज आजकल ज़्यादा किया जा रहा है।

घर में बैठे रहने की वजह जिस परेशानी ने सबसे ज़्यादा लोगों को परेशान किया है, वह है कमर दर्द।करीब एक दहाई पहले तक कमर दर्द केवल बुजुर्गों की बीमारी मानी जाती थी या महिलाओं में पीरियड्स के दौरान यह परेशानी ज़्यादा तर देखने को मिलती थी।

जब कि आज बचपन से लेकर 26 साल के युवा तक, हर कोई अक्सर इस परेशानी का सामना करता है। वजह है नौजवानों की बदलता हुआ हुआ काम , आदत और जॉब डिमांड्स

कमर दर्द की ख़ास वजहें
कमर दर्द की ख़ास वजहों में लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ खास बातें शामिल हैं। जैसे बहुत नर्म गद्दे पर सोना ज़्यादा वक्त तक हाई हील पहने रहना,बहुत ज़्यादा वजन बढ़ जाना, जिस्म में कैल्शियम की कमी, बहुत देर से एक ही जगह पर बैठे रहना, जिस्मानी गतिविधियों की कमी,एक्सर्साइज ना करना आदि।

दर्द से छुटकारा पाने के घरेलू इलाज: एक बड़ा चम्मच सरसों या नारियल का तेल लें। इसमें लहसुन 5 से 6 छिली हुई कलियां डालकर पका लें। जब तेल ठंडा हो जाए तो इस तेल से गुसल करने से पहले शरीर की मालिश करें। खास तौर पर कमर में।कमर दर्द का देसी इलाज है यह

लहसुन नैचरल पेनकिलर की तरह काम करता है। यह आपको जल्द राहत देगा। इस बात का खास ध्यान रखें मालिश करने के कम से कम वक्त 30 मिनट बाद गुसल करें। ताकि आपका जिस्म इस तेल को अच्छी तरह चूस ले।

बैठने मे वकफा करें: आजकल वर्क फ्रॉम होम के वजह अधिकतर औरतें घर में काम में रहती हैं और फिर एक ही जगह पर घंटों बैठकर काम करती रहती हैं। इससे भी कमर दर्द की परेशानी बढ़ जाती है। इससे बचने का तरीका यह है कि बीच-बीच में ब्रेक लें।

जानिए क्या-क्या होते हैं कमर के दर्द की आलम कमर दर्द की निशानी जानने की जरुरत होती है। जिससे कि आप पहले से ही होशियार हो जाएँ। कमर दर्द के दरम्यान देखा जाता है कि आपके जिस्म का तापमान बढ़ा हुआ होता है।

वहीं जिस्म के कई जगहों जैसे पीठ में सूजन आ सकती है। कमर के साथ पीठ में भी सूजन मालूम किया जा सकता है। अगर आप ज्यादा वक्त एक ही जगह पर लेटे या बैठे हुए हो तो ये परेशानी को दो गुना बढ़ाने का काम करता है।

ज्यादा वक्त तक अगर आप अपनी पोजीशन को नहीं बदलते हैं तो हालत और खराब हो सकती है और दर्द घुटनों तक भी फ़ैल सकता है।वहीं अगर आप ज़्यादा समय से कमर दर्द जैसे परेशानी से परेशान है तो इसे हल्के में न लें।

आप कई तरह की जांच भी करवा सकते हैं जैसे कि एक्स रे,सिटी स्कैन, फ़ैसट ओर्थोग्राम, डिस्कोग्राफी ये सारी जांचें आप करवा सकते हैं। इनसे आप को मालूम चल सकता है कि कौन सी नस के पास ज़्यादा असर पड़ रहा है।कमर दर्द का देसी इलाज है यह

जिस के वजह से कमर दर्द ठीक नहीं हो पा रहा है। साथ ही साथ इन जांचों से आपको एमआरआई की जानकारी मिल जाती है। इन जांच की रिपोर्ट को सबसे ज्यादा जिम्मेदार माना जाता है। ताकि समस्या का सही तरीके से मसला जान के उस का इलाज अच्छे से करवाया जा सके।

,घर और ऑफिस की जिम्मेदारियों के बीच अपने फ्री टाइम या मी टाइम के साथ समझौता न करें। खुद को फिजिकली और मेंटली अच्छा रखने के लिए आपको अपना वक्त देना बहुत जरूरी हो जाता है।

क्या आप भी सीने के दर्द से परेशान है तो अपनाइए यह फार्मूला

क्या आपके सीने में भी उठता है दर्द

क्या आप भी सीने के दर्द से है परेशानक्या आपके सीने में भी उठता है दर्द

क्या है सीने का दर्द:सीने में दर्द के कई वजह होते हैं, जैसे कि- मांस के नालियों में दर्द ,हड्डी में दर्द , दिल का दौरा आदि. इनमें से कुछ शिकायत मामूली हैं तो कुछ गौर करने वाली बात ये है कि ज़्यादातर लोगों को सीने में उठने वाले दर्द के पीछे की वजह पता ही नहीं चलती.

कुछ दर्द ऐसे होते हैं जो सीने में सुई की तरह चुभते हैं तो कुछ हलके होते हैं। ऐसे में इन्हें बे तवजजूही करना गलत है। इसे छोड़ देने से आपकी जान पर भी खतरा आ सकती है। ऐसे में आज हम आपको सीने में दर्द के बारे में तफसील से बताने वाले हैं जिसके तहत हम आपको इसके कारणों से लेकर इसके इलाज तक की मालूमात देंगें।

जब कभी आपको सीने के बीच में यानि दरमियान में दर्द हो या भारीपन महसूस हो तो समझ जाइए कि ये दर्द ज़्यादा है । बाकी इसके कंधे, हाथ, जबड़े या पीठ में झनझनाहट होना, पसीना आना या थकावट से होने वाले दर्द पर ध्यान दिया जाना भी ज़रूरी है । इसे भी पढ़े: यह है आके लिए ज़रोरी 

इन अलमतों को नज़रंदाज़ करने से आपकी परेशानी और बिगड़ सकती है । इसलिए बेहतर है कि जब भी कभी ऐसा महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से मशवरा लें ।

 

किस तरह से पाएं दर्द से राहत

अगर घरेलू इलाज कि बात करें तो हल्का खाना खाना ज़्यादा फायदेमंद होता है। इससे आपके दर्द में आराम मिल जाएगा ।
अगर ये दर्द लगातार रहता है, तो डॉक्टर के पास जाने की हड़बड़ी न दिखाएं बल्कि पहले खुद को शांत करने की कोशिश करें । क्योंकि ऐसी सिचुएशन में आपकी बेचैनी आपकी सबसे बड़ी दुश्मन बन सकती है ।

खुद को इत्मीनान करने के लिए, कुछ हेल्थ रिपोर्ट्स के ज़रिए, आप अपनी ज़बान के नीचे नाइट्रेट जैसी दवा रख सकते हैं । इसकी मदद से आपको सीने में दर्द से उतनी राहत तो मिल ही जाएगी कि जितने में आप डॉक्टर के पास जा सकें।

दर्द के कारण: बता दें कि, सीने में दर्द के कई कारण होते हैं। यह मस्कुलोस्केलेटल हो सकता है, जो चमड़ा, हड्डी या जोड़ों से पैदा होता है। इसके अलावा, ये एसिड-रिफ्लक्स हो सकता है जो फूड-पाइप या पेट में बनने वाले बीमारी से पैदा होता है।

सीने में दर्द फेफड़े से भी उठ सकता है। दर्द का एक वजह धमनियां यानी कि arteries भी हैं। मतलब यह कि, सीने में दर्द हृदय की धमनियों यानी कि हार्ट में रुकावट आने से भी हो सकता है, जिससे हृदय की बीमारियों में ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है ।

 

सीने में दर्द के अलामात:पसीना आना,सांस लेने में तकलीफ ,धड़कन कम होना,सिर में मंद दर्द होना ,डकार लेना,उल्टी होना इत्यादि भी शामिल है। इसका खास ख्याल रखें।

सीने में दर्द होने से कैसे रोकें आराम दिलाएं? छाती में दर्द को रोकने के लिए आप कई कोशिश कर सकते हैं – इसमें दोनों दिल संबंधी और गैर-दिल संबंधी छाती दर्द के किस्म शामिल हैं।क्या आपके सीने में भी उठता है दर्द मिसाल के तौर पर, जो लोग हुक्का करते हैं, वो हृदय संबंधी छाती के दर्द से हुक्का पीना छोड़ कर और एक स्वस्थ जिंदगी जी सकते हैं। जिन लोगों को दिल से संबंधी रोग होने का ज़्यादा तर खदशा लाहिक है,

वे डॉक्टर के बताए गए नियमों और दवाओं का इस्देमाल करके दिल रोग मीताअल्लिक जोखिम और उनके साथ छाती के दर्द के अलामतो को कम कर सकते हैं। एथेरोस्क्लेरोसिस का इलाज करके सीने में दर्द होने से रोका जा सकता है।

दिल-संबंधी सीने के दर्द की तरह, गैर-दिल-संबंधित सीने के दर्द की रोकथाम भी उसके दर्द के दरमियानी वजहों की रोकथाम करके कीया जा सकती है। मिसाल के तौर पर निमोनिया, मांसपेशियों में खिंचाव,

और आघात वगैरह के जोखिम को बढ़ाने वाली परेशानी से बचना भी गैर-दिल संबंधी छाती के दर्द की रोकथाम में मदद करता है।

गैस वाला दर्दक्या है?

जिसे आप गैस वाला दर्द कहते हैं, उस हार्टबर्न कहा जाता है। लेकिन, खास बात ये है कि इस दर्द का हार्ट से कोई लेना देना नहीं रहता है। असल में, ऐसा पेट में किसी परेशानी की वजह से होता है ।

ये तो आप जानते होंगे कि खाने को पचाने के लिए शरीर में कुछ एसिड निकलते हैं और जब यह एसिड ज्यादा निकलता है तो पेट की मांसपेशियों में परेशानी होती है और उससे सीने में दर्द होता है।

 

क्या आप भी पेट की बीमारी से है परेशान तो आज ही करें यह काम

क्या आप भी गैस से परेशान है

क्या आप पेट की बिमारियों से थक चुके है तो अपनाएं देसी नुस्खा क्या गैस की बीमारी ख़त्म होगी

पेट से मुतल्लिक कई तरह की परेशानी में पेट में गैस बनना एक आम समस्या है। छोटी उम्र से लेकर जवानों और बुजुर्गों तक, हर उम्र के लोगों को कभी न कभी इस परेशानी का सामना करना पड़ा है।

पेट में गैस बनने के कई वजह हो सकते हैं जैसे ज़्यादा खाना खाने से, ज्यादा देर तक भूखे रहने, तीखा या चटपटा खाना खाने से, ऐसा खाना खाना जो पचने में कठि‍न हो, ठीक तरीके से चबाकर न खाना, शराब पीना,

कुछ बीमारियों व दवाओं के खाने पीने के कारण भी पेट में गैस हो सकती है। ज़्यादा खट्टा, तीखा, मसाले वाला खाना खाने से,पानी कम पीना, चिंता, बहुत देर तक एक ही जगह बैठे रहने वगैरह से गैस बनने लगती है,

इसके अलावा कुछ दाल व सब्ज़ियां भी ऐसी होती हैं जो गैस बनाती हैं। ज़्यादा चाय पीने से भी गैस बनती है। इससे पेट, पीठ, सीने, सिर में दर्द होने लगता है, भूख कम लगती है, डकारें आती हैं, सीने व पेट में जलन होती है,

चक्कर आना, जैसी परेशानी हो जाती हैं। इसके लिए ये घरेलू नुस्खे आपके काम आ सकते हैं।पेट में गैस बनने के अलामत आम तौर पर पेट में गैस बनने का अलामत पेट में दर्द होता है। लेकिन इसके अलावा भी और भी निशानी है।

सुबह जब पाखाना होता है तो वो साफ नहीं होता है और पेट फूला हुआ मालूम होता है।
पेट में ऐंठन और हल्के-हल्के दर्द का एहसास होना। चुभन के साथ दर्द होना तथा कभी-कभी उल्टी होना।

सर में दर्द रहना भी इसका एक खास अलामत हैं। पूरे दिन सुस्ती जैसा महसूस होता है।
भूख न लगना,बदबूदार सांसें आना और पेट में सूजन रहना,उलटी, बदहज़मी, दस्त होना ,पेट फूलना वगैरह होना।

क्या गैस से परेशान है तो करना होगा यह काम

गैस बनने से रोकने के तरीके।अगर खाना खाने के बाद हमेशा किसी न किसी कारण गैस का शिकायत हो रही है तो इसको रोकने के लिए अपने खाने के तरीका में बदलाव लाना चाहिए। सबसे पहले खाने के तरीका के बारे में जानते हैं-

अपने खाने के चीजों में बदलाव करें– सेम, गोभी, प्याज जैसे खाद्य पदार्थ की मात्रा का ध्यान रखें, हालांकि, इससे पहले कि आप इन चीजों को खाना छोड़ दे एक या दो सप्ताह इन्हें खाकर यह पता लगा लें कि आपकों किस चीज से नुकसान पहुँचता है,

अपने अपने खाने की चीजों का तजरबा कारें। मिठास या खाद वाली उत्पादों से बचें, जो चीनी मुक्त मिठाई और कुछ दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। चाय रोकने में मदद करता है। अदरक के खाने से गैस से मिले राहत ।

अदरक के छोटे टुकड़े कर उस पर नमक छिड़क कर दिन में कई बार उसका इस्तेमाल करें। गैस की परेशानी से छुटकारा मिलेगा, शरीर हल्का होगा और भूख खुलकर लगेगी। यह गैस की परेशानी से छुटकारा पाने का तरीका है।

टमाटर गैस में फायदेमंद ।

भोजन के साथ सलाद के रूप में टमाटर का रोज़ाना करना फ़ायदा मंद है। यदि उस पर काला नमक डालकर खाया जाए तो फायदा अधिक मिलता है। लेकिन एक बाद का खयाल रखें कि पथरी के रोगी को कच्चे टमाटर का खाना नहीं करना चाहिए।

दालचीनी।क्या पेट की बीमारी से आप भी जूझ रहे है

गैस की परेशानी को खत्म करने में दालचीनी भी काफी लाभ मिलता है। दालचीनी को पानी में उबाल लें और फिर उस पानी को पी जाएं, इससे गैस शिकायत में राहत मिलती है।

काली मिर्च।

गैस की परेशानी को काली मिर्च खत्म कर सकती है। काली मिर्च की चाय गैस की परेशानी को दूर करने के लिए काफी अच्छी मानी जाती है।

लहसुन।

पेट में गैस की परेशानी लहसुन भी इस मामले मे आज़ादी दिला सकता है। इस के लिए भी आप कच्चा लहसुन खा सकते हैं। इससे काफी आराम होगा।

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ?

आम तौर पर गैस की मसअला आम बीमारी माना जाता है लेकिन जब इसके अलमत जाहिर हो जाये और एक हफ़्ते से ज्यादा दिनों तक कम नहीं हो रहा है तो डॉक्टर से सलाह ले लेना जरूरी चाहिए।

 

सिरदर्द को चंद मिनटों में दूर कर देंगे यह घरेलु नुस्खे

सिरदर्द के लिए करें इस दावा का उपयोंग

सिरदर्द को चंद मिनटों में दूर कर देंगेसिरदर्द को अब मिनटों करें गाएब

सिरदर्द एक आम समस्या है। बहुत से लोग अक्सर इससे परेशान रहते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए लोग दवाइयों का सेवन करते हैं। लेकिन, कुछ आसान घरेलू उपायों को अपनाकर भी सिरदर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।

 

सिरदर्द एक बहुत सामान्य समस्या है लेकिन कई बार ये इतना तेज होता है कि बर्दाश्त कर पाना मुश्किल हो जाता है। यूं तो बाजार में कई तरह की दवाइयां मौजूद हैं जो सिरदर्द में राहत के लिए ली जाती हैं। लेकिन, ज्यादा दवाई लेना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

ऐसे में सिदर्द को दूर भगाने के लिए आप घरेलू उपायों को अपना सकते हैं। आज हम आपको बताएं कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे जिन्हें अपनाने से आपका सिदर्द आसानी से दूर हो सकता है। ये उपाय इतने आसान हैं कि आप इन्हें अपने ऑफिस में काम करते-करते भी आजमा सकते हैं।

पर एक बात जो सबसे ज्यादा जरूरी है वो ये है कि आप अपने दिमाग से सभी बुरे विचार को निकाल दीजिए और शांत रहने की कोशिश कीजिए। इससे बार-बार सिरदर्द नहीं होगा।

सिरदर्द से पायें छुटकारा यह है आसन ट्रिक 

नींबू और गर्म पानी पिएं: अगर आपके पास समय कम है या आप कहीं बाहर हैं और आपको अचानक से तेज सिरदर्द उठ गया है, तो यह फटाफट से तैयार होने वाला नुस्खा आपके बहुत काम आ सकता है।

इसमें आपको करना बस यह है कि एक गिलास में गर्म पानी लेकर उसमें नींबू का रस डालकर पिएं। इससे सिर दर्द में राहत मिलती है। कई बार पेट में गैस बनने से भी सिर दर्द होता है।सिरदर्द का उपचार

तुलसी और अदरक का रस: तुलसी और अदरक के इस्तेमाल से भी सिर के दर्द से निजात पाई जा सकती है। इसके लिए तुलसी की पत्तियों का और अदरक का रस एक साथ मिलाएं। इसके बाद इसे माथे पर लगाएं। वहीं इस रस को सिर दर्द से परेशान व्यक्ति को पिलाया भी जा सकता है । इससे सिर दर्द में काफी राहत मिलेगी।

नींबू को चाय में मिलाकर पिएं:चाय में नींबू मिलाने से भी सिर दर्द से राहत पाई जा सकती है। इसके लिए नींबू को चाय में निचोड़कर पीना चाहिए। लौंग लौंग भी सिर दर्द को कम करने में लाभदायक है ।

आप तवे पर लौंग की कुछ कलियों को गर्म करें और इन गर्म हो चुकी लौंग की कलियों को एक रूमाल में बांध लें । अब इस पोटली को आप कुछ कुछ देर में सूंघते रहें । ऐसा करने पर सिरदर्द में आराम मिलेगा ।

पानी कई बार शरीर में पानी की कमी होने से सिर में दर्द की शिकायत होती है। ऐसे में आप शरीर को हाइड्रेटेड रखें और पानी का भरपूर सेवन करें ।

 

 

 

खुजली का घरलू समाधान|दाद खाद खुजली का रामबाण इलाज,करना होगा सिर्फ यह एक काम

खुजली का घरेलु उपचार

खुजली को करें जड़ से सफाया यह है उपचार 

खुजली, एक परेशान करने वाला लक्षण है जो त्वचा के कई विकारों से जुड़ा होता है। मेडिकल भाषा में खुजली को “प्रुरिटस” कहा जाता है। खुजली शरीर के किसी एक अंग में भी हो सकती है और ये पूरे शरीर को भी प्रभावित कर सकती है।

खुजली के साथ लाली, सूजन और शरीर से गर्मी निकलने जैसे लक्षण संबंधित हैं। इसके कुछ मुख्य लक्षण त्वचा का सूखापन, एक्जिमा, एलर्जी, नशीले पदार्थ युक्त दवाएं, स्किन इन्फेक्शन, पित्ती और कीड़े का काटना आदि हैं।

खुजली का देसी इलाज

होम्योपैथी के अनुसार, खुजली शरीर की किसी अंदरूनी समस्या का बाहरी लक्षण होता है। होम्योपैथिक दवाएं खुजली के अंदरूनी कारण को ठीक करती हैं, जिससे खुजली अपने आप ठीक हो जाती है। ये दवाएं व्यक्ति के लक्षण के आधार पर उसे दी जाती हैं, इसीलिए उसकी समस्या को ठीक करने का ये सबसे असरदार तरीका है।

 

होम्योपथी में खुजली का इलाज करने के लिए अगरिकस (Agaricus), एपिस मेलिफिका (Apis mellifica), आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum Album), बोविस्टा (Bovista), कार्बो वेज (Carbo veg), कॉस्टिकम (Causticum), चेलिडोनियम (Chelidonium), ग्रेफाइट (Graphite), लायकोपोडियम (Lycopodium), मेज़ेरियम (Mezereum), नैट्रम म्यूरिएटिकम (Natrum muriaticum), सोरिनम (Psorinum), पल्‍साटिला (Pulsatilla),रस टॉक्सिकोडेंड्रोन (Rhus toxicodendron), सेपिया (Sepia), सिलिशिया (Silicea), स्टैफिसैग्रिया (Staphisagria), सल्फर (Sulphur) और अर्टिका यूरेन्स (Urtica urens) जैसी दवाएं उपयोग की जाती हैं ।

नीम से खुजली का इलाज

 

नीम के पत्तों को पीसकर प्रभावित जगह पर लगाएँ। इससे निजात पाने का ये तरीका पुराना है।

 

तुलसी से खुजली का इलाजखुजली का घरेलु उपचार

5-6 तुलसी के पत्तों को पीसकर नारियल तेल में मिलाकर शुष्क त्वचा की मालिश करें। ये घरेलू इलाज (khujli ka gharelu ilaj) बहुत ही पुराना है।

 

केले का करें सेवन

 

यह पोटेशियम से भरपूर होता है। इसके साथ-साथ केला में हिस्टामाइन की मात्रा को कम करने वाले पोषक तत्व, मैग्नेशियम और विटामिन सी भी होता है।

 

सब्जी एवं फल

 

हरी सब्जियों और फलों का सेवन करें।

 

अगर खुजली से छुटकारा पाना चाहते हैं तो जंक-फूड एवं बासी भोजन का सेवन बिल्कुल न करें। इससे शरीर में दोष होता है। इससे वात, पित्त व कफ का संतुलन बिगड़ जाता है।

खुजली का घरेलु उपचार

अलसी, कद्दू, तिल या सूरजमुखी के बीज से फायदा

 

अलसी, कद्दू, तिल या सूरजमुखी के बीजों में मौजूद आवश्यक फैटी एसिड होते हैं। ये फैटी एसिड त्वचा की खुजली को कम करने में मदद करते है।

 

खुजली होने पर डॉक्टर से कब सम्पर्क करें

 

सामान्य तौर पर धूल-मिट्टी, प्रदूषण या ऊनी कपड़े पहनने से जो खुजली होती है तो वह कुछ देर बाद या एक-दो दिन में घरेलू उपचार करने पर अपने आप ही ठीक हो जाती है। अगर खुजली दो-तीन दिन से ज्यादा बनी रहती है, खुजाने पर त्वचा लाल हो जाती है या फिर खुजली के साथ-साथ त्वचा पर दानें निकल आते हैं तो तुरन्त ही इलाज के लिए चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

 

 

इलर्जी से बचने का यह है जुगाड़ एक दिन में इलर्जी गाएब

इलर्जी उपचार कैसे करे

इलर्जी से लड़ने का यह है घरेलु उपचार 

इलर्जी: आमतौर पर एलर्जी बैक्टीरिया, वायरस और धूल के कारण होती है लेकिन कई बार मौसमी बुखार के कारण भी एलर्जी हो सकती है और लम्बे समय से हो रही किसी बीमारी जैसे अस्थमा एवं एक्जिमा की वजह से भी हो सकती है। कुछ मामलों में तीव्रग्राहिता (किसी ऐसे पदार्थ से संपर्क में आना जिससे आपको एलर्जी हो) की वजह से भी एलर्जी हो सकती है।

 

तीव्रग्राहिता कीड़े के काटने, किसी खाने या दवाइयों की वजह से हो सकता है। एलर्जी के लक्षण शरीर के प्रभावित हिस्से के अनुसार अलग-अलग होते हैं। हालांकि, सामान्य एलर्जी के लक्षणों में छींक, खुजली और खांसी शामिल है।

 

धूल-मिट्टी से भरे वातावरण में सांस लेने पर एलर्जी हो सकती है जिसके कारण बंद नाक, कफ और गले में खराश हो सकती है। एलर्जी आंखों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है जिसके कारण आंखों में खुजली, आंखों से पानी आना,इलर्जी उपचार कैसे करे

सूजन और आंखों में लालपन आ जाता है। एलर्जी के लक्षणों में त्वचा पर चकत्ते पड़ना, खुजली या फोड़े के रूप में सामने आते हैं। फूड एलर्जी में पेट में मरोड़, दस्त, जी मिचलाना और उल्टी होना आम है।

एलर्जी के लिए करें लहसुन का उपयोग 

हम में से ज्यादातर लोगों को कभी न कभी एलर्जी का सामना करना पड़ा होगा। एलर्जी एक तरह की प्रतिक्रिया होती है जो भोजन, दवाइयों, कपड़े या फिर धूल आदि के कारण हो सकती है। सामान्य तौर पर एलर्जी के कारण त्वचा पर दाने निकलने, खुजली होने, आंखों में जलन, सिरदर्द और छींक आने जैसी समस्या हो सकती है।

 

मौसम बदलने के साथ एलर्जी की समस्या होना सामान्य माना जाता है। कई बार एलर्जी की समस्या दैनिक जीवन में समस्या का कारण भी बन सकती है। ऐसे में इसके लक्षणों को पहचानते हुए इनका उपचार करना बेहद जरूरी हो जाता है। अगली स्लाइडों में हम सामान्य रूप से होने वाली एलर्जी की समस्या से बचाव के उपायों के बारे में जानेंगे।

 

लहसुन का सेवन:लहसुन को कई तरह के फायदों के लिए वर्षों से उपयोग में लाया जाता रहा है। इसमें मौजूद एंटीबायोटिक गुण इसे खास बनाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका सेवन हमें एलर्जी से सुरक्षा दे सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो रोजाना खाली पेट दो से चार कलियों का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।इलर्जी उपचार कैसे करे

गर्म पानी:दिनभर बाहर रहने के दौरान त्वचा पर धूल-मिट्टी और एलर्जी पैदा करने वाले कारक जमा हो सकते हैं। ऐसे में घर जाकर हल्के गुनगुने पानी से नहाने से एलर्जी बढ़ने की आशंका कम हो जाती है। गर्म पानी के सेवन से भी लाभ मिलता है। गर्म पानी का सेवन करने से श्वसन तंत्र साफ रहता है जिससे सर्दी-जुकाम और खांसी जैसी समस्याओं के होने का खतरा कम हो जाता है।

 

हल्दी: हल्दी में प्रभावी तौर पर एंटीऑक्सिडेंट के साथ एंटीएंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं जो एलर्जी जनित लक्षणों को ठीक करने में सहायक हो सकते हैं। हल्दी को शहद के साथ मिलाकर इसका सेवन किया जा सकता है। खासतौर पर बदलते मौसम में इसका सेवन और भी आवश्यक हो जाता है। दूध में भी हल्दी को मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।

use and benefit of hamdard aujai Tablate

use and side effect Aujai-Capsule

Use and side effects and benefit Aujai tablate 

Use: आज हम बात करेंगे हमदर्द कंपनी के औजई टैबलेट के बारे में उसके इस्तेमाल और बेनिफिट और साइड इफेक्ट्स के बारे में हमदर्द जो आयुर्वेद की जानी मानी कंपनी है हजारों साल से हर्बल और आयुर्वेद दवाईयां बनाती है यह इतनी पुरानी और आयुर्वेद मैं प्रसिद्ध है आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आयुर्वेद की सबसे पुरानी कंपनी मानी जाती है आज हम उसी के एक दवाई औजाइ टैबलेट के बारे में बताने जा रहे है

किसका करें इस्तेमाल आयुर्वेद या एलोपैथ

जब बात आती है आयुर्वेद vs एलोपैथ की तो हमेशा हम कंफ्यूज हो जाते हैं कि कोन सी दवाई लें आयुर्वेद या एलोपैथ एक तरफ जहां आयुर्वेद एक हफ्ते में असर दिखता है तो वहीं दूसरी तरफ एलोपैथ एक दिन में ही पेशन को काफी हद तक ठीक कर देता है लेकिन जब हम दोनों दवाई कि साइड इफेक्ट्स और होने वाले नुकसान के ऊपर बात करते है तब हमें पता चलता है कि कोन सबसे जियाद पॉवर फूल और नुकसान दायक है।use and side effect Aujai-Capsule

वहीं दूसरी ओर आयुर्वेद का इस्तेमाल आसानी से कर सकते है बिना किसी भी साइड इफेक्ट्स के तो वहीं ऐलोपेथिक दवाई की बात करें तो एलोपैथ में काफी नुकसान के साथ साथ काफी साइड इफेक्ट्स भी है लेकिन यहां हम बात करेंगे कि अपने जीवन में किस दवा का इस्तेमाल करें एलोपैथ या आयुर्वेद कोन सी दवाई जीवन के लिए बेस्ट है

यह शब्द सुनते ही मन में एलोपैथिक दवाओं का नाम सामने आ जाता है क्यों कि यह फास्ट काम करता है लेकिन जब उसकी साइड इफेक्ट्स को देखेंगे तो आप  भी कहेंगे आयुर्वेद की दवा का इस्तेमाल हमारे लिए बिल्कुल सुरक्षित है क्यों की इसमें कोई साइड इफेक्ट नहीं है

1. कैसे करें हमदर्द ओजाई टैबलेट का इस्तेमाल

use and side effect Aujai-Capsule

दोस्तों जब भी बात आती है आयुर्वेदिक औषधियों का तो यह बहुत सारे फायदों के साथ साथ कीमत में भी काफी कम होता है आइए जानें औज़ाई टैबलेट किस बीमारी में इस्तेमाल किया जाता है दोस्तों औजाई टैबलेट कैल्सियम के लिए इस्तेमाल किया जाता है

जैसे किसी की bone fracture हो गई है उसको इस्तेमाल करना चाहिए आज के समय में काफी लोगों की पैर के ज्वाइंट में कट कट की आवाज़ें आती है जो केल्सियम की कमी के कारण होती है वह लोग इस टैबलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं

उसके लिए बहुत अच्छा है इसके अलावा जिन लोगों की हड्डी कमज़ोर है वह लोग भी इस टैबलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं और अपने हड्डियों मजबूत बना सकते हैं आइए इसका इस्तेमाल का तरीका जानते हैं इस टैबलेट को सुबह शाम दूध के साथ लेना चाहिए इसके इस्तेमाल के साथ खट्टी चीजों से बचना चाहिए

 

Memorin Unani Medicine Help To boost Your Memory in 2minute use in Hindi

Memorin क्या है

Memorin क्या है कैसे इसका इस्तेमाल करें

आज हम बात करने वाले हैं न्यू शमा कंपनी की एक बेहतरीन दवाई के बारे में जिसका नाम है Memorin आज के इस पोस्ट में आप सभी को बताएंगे के Memorin इनका इस्तेमाल कब करना चाहिए

 

और  किस उम्र में करना चाहिए और किन कारणों की वजह से मेमोरीन का इस्तेमाल आपके लिए बहुत ही जरूरी है मेमोरीन क्या है कैसे इसका इस्तेमाल करें और किन बीमारियों के लिए यह फायदेमंद है और इसका रिजल्ट कितना ठीक है

अगर आज की तारीख में बात करें दवाइयों की कंपनी के बारे में तो मार्केट में बहुत सारी कंपनियां हैं जो अलग-अलग तरह की मेमोरी पोस्टर प्रोटीन बनाती है जो मानसिक रोगों के लिए बहुत ही लाभदायक होता हैMemorin boost your memory power
सबसे खास बात यह है कि आज आयुर्वेदिक और यूनानी मेडिसिन से ज्यादा एलोपैथिक इस पर जोर दिया हुआ है और मेमोरी पोस्टर जैसे अलग-अलग कंपनियां बहुत सारी प्रोडक्ट बनाती है लेकिन आज हम बात करने वाले हैं
मेमोरीन को लेकर Memorin क्या है कैसे इसका इस्तेमाल किया जाता है किन बीमारियों के लिए यह सबसे ज्यादा लाभदायक है और किस उम्र में इस दवा का इस्तेमाल करना चाहिए और किस मौसम में करना चाहिए विस्तार से जानते

न्यू शामा का खास तोहफा है Memorin

न्यू शमा कंपनी का नाम है यह कंपनी यूनानी कंपनी है लगभग हर तरह की दवाइयां तैयार करती है छोटी सी छोटी बीमारी से लेकर बड़ी से बड़ी बीमारियों की दवाइयां न्यू समा के अंदर बनती है लेकिन इसी कंपनी का एक प्रोडक्ट है
जिसका नाम है मेमोरीन आमतौर से इस दवा का इस्तेमाल बच्चों के लिए लोग करते हैं बच्चों की मेमोरी को बूस्ट करने के लिए इसका इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है कहते हैं कि इसके इस्तेमाल से बच्चों के अंदर दिमागी ताकत बढ़ता है
जिसकी वजह से उनका दिमाग तेजी से विकास करना शुरू कर देता है और पढ़ाई में दिल लगने लगता है लेकिन जानकार बताते हैं इसका इस्तेमाल किसी भी उम्र में कोई भी व्यक्ति कर सकता है
अगर कोई मानसिक रूप से परेशान हो दिमागी संतुलन किसी का ठीक ना हो तो इसका इस्तेमाल कर सकता है और रेगुलर इसका इस्तेमाल से काफी फायदा लोगों के अंदर दिख रहा है दोस्तों इस दवा का इस्तेमाल गर्मी में भी कर सकते हैं और ठंड के मौसम में भी कर सकते हैं
Memorin ka istemal

किन जड़ी बूटियों से तैयार किया गया है Memorin

अगर हम बात करें इसमें इस्तेमाल की गई आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में तो इसमें
 ब्राहिमी 0.150 ग्राम
शंखपुष्पी 0.150 ग्राम
वाज तुर्की
जनजबिल
मक्से अखरोट
मग जे बादाम
चिरौंजी
Malkangani
Zafran
छुहारा
कंद सफेद
अबे खालिस
जैसे अनेक जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया गया है जो के मेमोरी के लिए काफी लाभदायक है और मेमोरी को बूस्ट करने के लिए काफी फायदेमंद है वहीं अगर बात करें इस दवाई की कीमत को लेकर तो इसकी कीमत 500 ग्राम का ₹160 रखा गया है
इसी तरह से और दूसरी कंपनियों में भी यह दवाइयां आसानी के साथ मिल जाती है लेकिन न्यू शमा की यह दवाई काफी कारगर है मेमोरी को बूस्ट करने के लिए काफी फायदेमंद साबित माना जाता है इसका इस्तेमाल
आप सुबह दूध के साथ एवं रात में दूध के साथ खाना खाने के बाद खा सकते हैं एक चम्मच मेमोरीन को एक गिलास पानी में मिलाकर इसका इस्तेमाल करें किसी भी तरह की मेडिसिनल जानकारी के लिए आप  YouTube पर सर्च करें DESI TREATMENT यहाँ हर बीमारी के मेडिसिन के बारे में बताया जाता है
दोस्तों अगर यह पोस्ट आप सब के लिए हेल्प फुल है तो कमेंट करके ज़रूर बाएं हमारे  YouTube channel  पर जाने के लिए यहाँ क्लिक करें  देसी ट्रीटमेंट 

शुद्ध आयुर्वेदिक दर्द नाशक चूर्ण में है कुदरत का करिश्मा हर दर्द से दिलाएगा मुक्ति

शुद्ध आयुर्वेदिक दर्द नाशक चूर्ण

शुद्ध आयुर्वेदिक दर्द नाशक चूर्ण का करें स्तेमाल 

शुद्ध आयुर्वेदिक दर्द नाशक चूर्ण
दर्द के लिए राम बाण

एक बीमारी जो आज कि तारीख में बहुत आम है हर 10 में से 7 लोगों में यह बीमारी पाई जाती है अगर हम आज से 20 साल पहले की बात करें तो उस वक्त लोगों में यह बीमारी बिल्कुल ना के बराबर थी लेकिन आज इस बीमारी से पीड़ित लगभग सभी लोग है

आप की जानकारी के लिए बता दें कि आज जितनी अधिक मात्रा में एलोपैथिक दवाइयों का सेवन किया जा रहा है उतने ही तेज रफ्तार के साथ तरह-तरह की बीमारियां लोगों के अंदर पनप रही है और इसका दूसरा मुख्य कारण यह है कि आज लगभग सभी तरह की सब्जियों फल फ्रूट एवं अनाजों में अधिक मात्रा में सार खाद का इस्तेमाल करते है

इसी  कारण भी लोगों के अंदर बीमारियां फैल रही है अगर हम बात करें आज से 20 साल या 30 साल पहले की तो उस वक्त काफी कम मात्रा में सार खाद का इस्तेमाल किया जाता था और काफी कम लोग एलोपैथिक दवाइयों का इस्तेमाल करते थे जिसकी वजह से उन्हें किसी तरह की कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिलता था

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शुद्ध का करें इस्तेमान और रहें शुद्ध नहीं होगा  Arthritis की बीमारी

दोस्तों अधिक मात्रा में सार खाद का इस्तेमाल करने की वजह से और छोटी-छोटी बीमारियों के लिए एलोपैथिक मेडिसिंस का इस्तेमाल करने की वजह से लोगों में यह बीमारियां आम हो रही है आज लगभग हर 10 में से 7 लोगों में दर्द की यह बीमारी आम है
और इस बीमारी की वजह से लोग वक्त से पहले ही बूढ़े हो जा रहे हैं कमजोर हो जा रहे हैं चाहे बच्चा हो या जवान हो या लड़का हो या लड़की हर किसी में यह बीमारी बहुत तेजी के साथ आम हो रहा है
वहीं इस बीमारी से बचने के लिए लोग तरह-तरह की एलोपैथिक दवाइयों का सेवन कर रहे हैं लेकिन आज हम यही बताएंगे कि अगर आप खास करके किसी भी तरह की दर्द जैसी बीमारियों के लिए एलोपैथिक मेडिसिंस का इस्तेमाल करते हैं
तो इसका कितना नुकसान आपको हो सकता है और किन चीजों पर इसका साइड इफेक्ट पड़ सकता है 

वहीं अगर दूसरी और गौर करें तो हमारे रोज के अनाज में जो सार खाद का इस्तेमाल होता है उसके कारण से भी यह बीमारी तेजी के साथ पनपना शुरू कर देती है

शुद्ध आयुर्वेदिक दर्द नाशक चूर्ण
शुद्ध आयुर्वेदिक दर्द नाशक चूर्ण का पॉवर फुल फ़ायदा

शुद्ध आयुर्वेदिक दर्द नासक का करें इस्तेमाल जानें एलोपैथिक दवाई का side effect 

अबे यह बात कर लेते हैं दर्द के लिए किसी भी दवाई का साइड इफेक्ट कितना हो सकता है दोस्तों आज हम सबको एलोपैथिक मेडिसिंस इस्तेमाल करने का एक नशा चढ़ चुका है जब तक हम एलोपैथिक मेडिसिंस नहीं लेते हैं तब तक हमें यकीन ही नहीं होता कि हम इस बीमारी से ठीक हो भी पाएंगे या नहीं

लेकिन ऐसा नहीं है कई ऐसी बीमारियां हैं जिनका इलाज एलोपैथिक के पास बिल्कुल भी नहीं है और ना ही वह ठीक कर सकते हैं लेकिन वही आयुर्वेद में इसका बिल्कुल इलाज संभव है

आज हम बात करेंगे Arthritis की एलोपैथिक दवा के साइड इफेक्ट को लेकर जी हां दोस्तों जब भी आप दर्द के लिए कोई इंजेक्शन या टेबलेट का इस्तेमाल करते हैं तो खासकर यह इंजेक्शन और टेबलेट आपके गुरदे पर असर करता है

वैसे आपका किडनी बहुत जल्द खराब हो सकता है और किडनी फेल होने की वजह से इंसान के मरने के चांसेस भी बढ़ जाते हैं इसलिए अगर आप भी छोटी मोटी दर्द के लिए एलोपैथिक दवाई का इस्तेमाल करते हैं तो समझ जाइए कि आप अपनी किडनी के साथ धोखा कर रहे हैं

और अपनी किडनी को खराब करने का मन बना लिए हैं इसलिए हमारी सलाह है कि अगर आप को किसी भी प्रकार की दर्द है तो आप फौरन एलोपैथिक इंजेक्शन सिया टेबलेट ना लें बल्कि यह मौसमी दर्द होता है जो ऑटोमेटिक ही खत्म हो जाता है या काफी दिन तक दर्द रहता है तो आप आयुर्वेदिक दवाई का इस्तेमाल कर सकते हैं

शुद्ध आयुर्वेद दर्द नाशक चूर्ण का दर्द के लिए सबसे पावरफुल चूर्ण

आज के बाद जब भी कभी आपको दर्द की शिकायत होती है चाहे वह घटिया बतिक की बीमारी ही क्यों ना हो या किसी तरह का कोई भी दर्द आपकी बॉडी में होता है तो इसके लिए कई जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करके एक ऐसी दवा का निर्माण किया गया है
  जिसका नाम है दर्द नाशक चूर्ण जी हां इस चूर्ण का नाम शायद आप पहली बार सुन रहे हैं लेकिन हर तरह के दर्द के लिए सबसे सटीक और सबसे बेस्ट इलाज है दर्द नाशक चूर्ण पूरी तरह से शुद्ध आयुर्वेदिक है इसमें किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं है
अगर आपकी बॉडी में कहीं भी दर्द है तो टाइम देख कर आप इस चूर्ण को ले 2 मिनट के बाद आपके बॉडी से दर्द गायब हो जाएगा यदि आपको गठिया और बटिक  जैसी बीमारियों ने परेशान कर रखा है तब आप दर्द नाशक चूर्ण के तीन डब्बे का इस्तेमाल करके इस बीमारी को जड़ से खत्म कर सकते हैं
शुद्ध आयुर्वेदिक दर्द नाशक चूर्ण
शुद्ध आयुर्वेदिक दर्द नाशक चूर्ण का इस्तेमाल करें

दर्द नाशक चूर्ण का उपयोग कैसे करें 

इसका इस्तेमाल दुध के साथ करें या दूध में मिला कर इस का सेवन कर सकते हैं जब भी आप को दर्द हो इसका सेवन कर सकते हैं कोई टाइमिंग नहीं है एक वक्त में सिर्फ 5 mg का इस्तेमाल करें